आपातकाल की बरसी पर। लगभग चार दशक से ज्यादा वक्त गुज़र जाने के बावजूद आपातकाल की याद आज भी कुछ लोगो के ज़हन ...
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मजबूरी की राजनीति
मजबूरी की राजनीति
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एक बार फिर
एक बार फिर
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तथ्यों व तर्को की कसौटी पर
तथ्यों व तर्को की कसौटी पर
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ये कहाॅ आ गये हम।
ये कहाॅ आ गये हम।
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योग, प्रयोग और संयोग की सरकार।
योग, प्रयोग और संयोग की सरकार।
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महबूबा के जाने के बाद।
महबूबा के जाने के बाद।
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सन्तई के बहाने
सन्तई के बहाने
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नाकामयाब मंसूबो के साथ ।
नाकामयाब मंसूबो के साथ ।
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खुद को साबित करने की होड़ में।
खुद को साबित करने की होड़ में।
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सवाल दर सवाल हैे।
सवाल दर सवाल हैे।