देहरादून। सावन की शिवरात्रि इस बार 30 जुलाई को मनाई जाएगी। शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से सौभाग्य मिलता है। वहीं अगर शुभ मुहूर्त में पूजन और अभिषेक किया जाएगा तो भोले की अपार कृपा बरसती है। ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी के अनुसार, एक साल में 12 शिवरात्रि आती हैं। लेकिन इन सभी में दो शिवरात्रि सबसे खास होती है। जिसमें से महाशिवरात्रि और सावन की शिवरात्रि मनुष्य के सभी पाप को धो देती है। 30 जुलाई को सावन शिवरात्रि पर सुबह 9रू10 बजे से लेकर दोपहर 2रू00 बजे तक शुभ महूर्त रहेगा। इस बीच पूजन करना शुभ फलदायी होगा।
सावन की शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व है क्योंकि इसमें व्रत रखने वालों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। वहीं मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से कुवारें लोगों को मनचाहा वर या वधु मिलता है। दांपत्य जीवन में प्रेम और सुख शांति बनाए रखने के लिए भी व्रत लाभकारी है। शिवरात्रि पर सुबह जल्द उठकर स्नान कर मंदिर जाएं। पूजा की थाली में घी का दिया, जल में बेलपत्र, धतूरा, कच्चे चावल, घी और शहद, दही और कच्चा दूध मिलाएं। इसी जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें। ध्यान रहे शिवरात्रि के दिन काले वस्त्र धारण न करें और न ही खट्टी चीजों का सेवन करें। पूरा दिन व्रत कर शाम को भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करने के साथ आरती गाए और दीप जलाने के बाद व्रत को खोलें। इस दिन घर में मांस मदीरा न लाएं।