देहरादून। 20वें कारगिल विजय दिवस के मौके राजधानी देहरादून समेत अन्य जिलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। दून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत अन्य नेताओं और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने पुष्प अर्पित किए।
देहरादून के गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारत को वीर प्रसूता कहा गया है। यहां जब एक जवान शहीद होता है तो 100 जवान पैदा होते हैं। उत्तराखंड गौरवान्वित है कि आजादी से पहले और बाद में जितने भी युद्ध हुए यहां के वीरों ने आगे बढ़कर शहादत दी। सीएम ने कहा कि भारत आज सशक्त बन चुका है। भारत की सेना का दुनिया में लोहा माना जाता है। मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों से कहा कि यह सरकार आपके लिए है। कहा, अपर मुख्य सचिव पूर्व सैनिकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए नोडल अधिकारी होंगे। कहा कि सरकार ने 1905 हेल्पलाइन भी शुरू की है, जिसकी निरंतर समीक्षा भी की जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा सहस्रधारा रोड पर 75 बीघा भूमि पर शौर्य स्थल बनेगा। अब तक हुए विभिन्न युद्ध व आपरेशन में घायल व शहीद सैनिकों के नाम डिजिटल फार्मेट में मौजूद होंगे। एक क्लिक पर उनकी पूरी जानकारी मिलेगी। वहां सैनिकों के आश्रितों के भी व्यवसायिक कोर्स चलेंगे। सीएम ने कहा कि सचिवालय में एंट्री के लिये सैनिकों को प्रवेश पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। उनकी आइडी ही इसके लिए वैध होगी। कहा कि सैनिकों व पूर्व सैनिकों को मुझसे मिलने के लिये अपाइंटमेंट की जरूरत नहीं है। वे जब चाहे मुझे मिल सकते हैं। इससे पहले ले जनरल (सेनि) ओपी कौशिक ने कहा कि मैं कारगिल से भावनात्मक रूप से जुडा हूं। मैं वहां रहा, मेरे बेटे ने वहां सेवा दी और अब मेरा पोता वहां तैनात है। कहा कि शहीदों का ये बलिदान सदियों तक समाज को प्रेरणा देता रहेगा।