देहरादून। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि गांधी शताब्दी अस्पताल में डिलीवरी की सुविधा इसलिए शुरू की गई थी कि इससे मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर दबाव कम हो।
गांधी शताब्दी से लगातार सामान्य प्रसव वाली गर्भवती महिलाओं को भी दून महिला अस्पताल भेजा जा रहा है। डॉ. टम्टा ने कहा कि वह कई बार गांधी शताब्दी के एमएस से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया है। इसलिए समस्या के समाधान को अब वह शासन से शिकायत करेंगे।
उठाया सख्त कदम, डॉक्टरों की ड्यूटी तय की
गांधी शताब्दी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि पूरे मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पता लगा है कि अक्सर महिला डॉक्टर के ड्यूटी के समय लंच या डिनर पर जाने से यह स्थिति हो रही है।
इसलिए तत्काल प्रभाव से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है कि दोपहर दो बजे जिस महिला डॉक्टर की ड्यूटी खत्म होगी, वह उससे पहले खाना खाने नहीं जाएंगी। दो बजे जिसकी ड्यूटी शुरू होगी वह रात आठ बजे खाना खाने जाएंगी। जिसकी ड्यूटी रात आठ बजे शुरू होगी वह खाना खाकर आएंगी। अस्पताल में इमरजेंसी ऑपरेशन नहीं होने पर भी जिम्मेदार डॉक्टर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।