पूर्व मुख्य मंत्रियों को राहत देने को सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी में | Jokhim Samachar Network

Thursday, May 02, 2024

Select your Top Menu from wp menus

पूर्व मुख्य मंत्रियों को राहत देने को सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी में

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास किराए के रूप में बकाया धनराशि बाजार दर पर वसूला जाए। उसके बाद राज्य संपत्ति विभाग ने बाजार दर पर किराए का आकलन करके धन राशि तय की थी। लेकिन अब तक किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री ने यह किराया नहीं चुकाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा इस बकाया पर राहत की मांग करते हुए हाईकोर्ट चले गए हैं। हाईकोर्ट ने इसी महीने की पांच तारीख को उनके मामले में सुनवाई पूरी कर ली है और फैसला सुरक्षित रखा है. अब यह फैसला किसी भी दिन सुनाया जा सकता है। इसी बीच त्रिवेंद्र सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत देने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी कर चुकी है ताकि हाईकोर्ट के आदेश से बचकर पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत दी जा सकेगी. खास बात यह है कि हाल ही में त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य के दायित्वधारियों के मानदेय और भत्तों में तीन गुना तक की बढ़ोत्तरी कर दी है। अपनों पर मेहरबानी का चंद दिनों में यह दूसरा मामला है। त्रिवेंद्र रावत सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों पर सरकारी बंगले के बकाए को माफ करने की तैयारी कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्रियों पर बकाया लाखों रुपये के बकाया को माफ करने के लिए राज्य सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी में है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बकाया माफी के लिए त्रिवेंद्र सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। इस अध्यादेश से नैनीताल हाइकोर्ट के फैसले को पलटा जा सकेगा. नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से बकाया वसूली करने के आदेश दिए हैं।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्रियों पर आवास के किराए के रूप में राज्य संपत्ति विभाग के करोड़ों रुपये बकाया हैं। इनमें सबसे ज्यादा बकाया दिवंगत एनडी तिवारी पर हैं। यह राशि 1 करोड़ 13 लाख रुपये है। तिवारी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी पर 47.57 लाख रुपये, बीसी खण्डूड़ी पर 46.59 लाख रुपये, डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक पर 40.95 लाख रुपये, विजय बहुगुणा पर 37.50 लाख रुपये बकाया हैं। इस बकाए का निर्धारण बाजार दर पर किया गया है और यही सबसे बड़ी वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री राज्य संपत्ति विभाग को यह पैसा नहीं जमा कर पा रहे हैं। अमूमन राज्य संपत्ति का सामान्य किराया बाजार किराए के मुकाबले लगभग एक चैथाई है।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *