रुड़की। उत्तराखंड दिवस पर तहसील में राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया। आंदोलनकारियों ने सरकार की ओर से दो पेंशन की व्यवस्था का विरोध करते हुए कहा कि पेंशन पाने के लिए आंदोलन नहीं किया गया था। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया।
तहसील परिसर के लेखपाल कक्ष में प्रशासन की ओर से आंदोलनकारियों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हर्ष प्रकाश काला ने कहा कि आंदोलनकारियों को दो पेंशन दी जा रही है। जिसे आज बढ़ाने की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि दो पेंशन व्यवस्था कोई औचित्य नहीं है। या तो समान पेंशन मिले या केवल सम्मान पत्र ही दे दिया जाए। राज्य पेंशन पाने के लिए नहीं बनाया गया था।
उन्होंने कहा कि रुड़की के अशोक नगर क्षेत्र में आंदोलन हुए। यहां की कॉलोनियां आज भी उपेक्षित हैं। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह ने कहा कि आंदोलनकारियों ने बलिदान देकर राज्य बनाया। अब हमें इसे आगे ले जाना है। अगर हम काम नहीं करेंगे तो राज्य बनाने वालों को पीड़ा होगी। उनमें उत्साह भी है और पीड़ा भी। जेएम ने कहा कि रुड़की में राज्य आंदोलन कैसे चला, कौन सी महत्वपूर्ण जगह रही, क्या घटनाएं हुई इसको एकत्र कर पुस्तक प्रकाशित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो स्थानीय समस्याएं हैं उसे दूर किया जाएगा। एएसडीएम विद्या नाथ शुक्ल ने कहा कि आज का दिन अपनी उपलब्धियों पर गर्व करने का है। इस दौरान कमला बमोला आदि मौजूद रहे।