देहरादून/रूद्रप्रयाग। बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच रहे हैं। केदारनाथ धाम जाने के लिए गौरीकुंड से 16 किमी पैदल मार्ग में 5 हजार से ज्यादा घोड़े-खच्चर तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए लगे हुए हैं। लेकिन सुविधा के नाम पर लगे इन घोड़े-खच्चरों से पैदल तीर्थयात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते में घोड़े-खच्चरों के बेढंग चलने व दौड़ने से तीर्थयात्रियों को परेशानी हो रही है. इसमें तीर्थयात्री चोटिल भी हो जा रहे हैं।
बता दें कि बीते वर्षों में केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़े और खच्चरों से धक्के लगने के कारण कई तीर्थयात्री घायल हो चुके हैं। एक ओर बाबा केदार की लंबी पैदल चढ़ाई की थकान और दूसरी ओर घोड़े-खच्चरों से बचकर चलना तीर्थयात्रियों के लिए मुश्किलात पैदा करते हैं। यहां तीर्थ पर आए यात्रियों का मानना है कि बेढंग चलने वाले घोड़े-खच्चरों के संचालकों को प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है। साथ ही उनसे आर्थिक दंड भी वसूला जाना चाहिए. प्रशासन को दूर-दूर से आए तीर्थयात्रियों के लिए सारी सुविधाएं सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि उनकी यात्रा सुखद बन सके. तीर्थयात्री जहां इस मामले में लगातार सवाल उठा रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।