रिस्पना के पुनर्जीवन के लिए अवैध बस्तियों पर हो सकती है कार्यवाही
देहरादून। राजधानी देहरादून में नदियों के किनारे करीब 95 अवैध बस्तियां हैं, जिनमें करीब 30 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं। रिस्पना का पुनर्जीवन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। साथ ही हाईकोर्ट ने एक बार फिर रिस्पना में हुए अतिक्रमण को लेकर सरकार, एमडीडीए, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन से 3 सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में उम्मीद की जा रही कि सरकार वोट बैंक की गणित को छोड़ हाईकोर्ट के आदेश का पालन कर रिस्पना की बिगड़ी सूरत को संवारने का काम करेगी. इस पर अब सवाल कांग्रेस भी उठाने लगे हैं।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन रिस्पना नदी के किनारे बसे तमाम अवैध भवनों को नोटिस जारी करने जा रही है। इससे एक बार फिर रिस्पना नदी के पुनर्जीवित होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। कोर्ट के आदेश के बाद अब रिस्पना नदी के किनारे बसे तमाम अवैध भवनों को नोटिस जारी होगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो रिस्पना नदी अपने पुराने स्वरूप में जल्द ही नजर आएगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। इससे एक बार फिर रिस्पना नदी के पुनर्जीवित होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं, लेकिन इसके साथ ही अब सियासत भी गर्माने लगी है।
पिछले साल हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने चिह्नीकरण कर अतिक्रमण की कार्रवाई की थी। इसमें छोटे-बड़े करीब 11 हजार से ज्यादा अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए थे। हालांकि बाद में सरकार ने यहां बसी बस्ती को सुरक्षित रखने के लिए अध्यादेश लाते हुए यह कार्रवाई रोक दी थी। प्रशासन एक बार फिर कोर्ट के आदेशों के तहत रिस्पना के पुनर्जीवन के लिए अवैध बस्ती पर कार्रवाई करने जा रहा है। मामले की जानकारी डीएम सी. रविशंकर ने दी है।