देहरादून। आगामी सात मई को यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज होने जा रहा है। इस बार सर्दियों में भीषण बर्फबारी और यात्रा से एन पहले लोकसभा चुनाव एवं आचार संहिता की बंदिशों के चलते यात्रा व्यवस्थाएं चाक चैबंद नहीं हो पाई हैं। अंत समय में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में पूरी ताकत झोंकने के साथ ही प्रशासन ने जोनल एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात कर तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कमर कस ली है।
चारधाम यात्रा के पहले तीर्थ यमुनोत्री को देखें तो यहां अभी तक मंदिर को जोड़ने वाला पैदल पुल तैयार नहीं हो पाया है। मंदिर परिसर में ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओं के खड़े होने लायक जगह नहीं है। गर्मपानी के कुंड का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त पड़ा है। धाम में पर्याप्त शौचालय नहीं हैं। धरासू बैंड से जानकीचट्टी तक यमुनोत्री हाईवे कई जगह ऑल वेदर रोड के कारण उधड़ा पड़ा है। ओजरी डबरकोट स्लिप जोन तीन साल से नासूर बना है। गंगोत्री धाम में स्नान घाट बदहाल पड़े हैं। धरासू बैंड नालूपाणी एवं बड़ेथी चुंगी को छोड़ शेष गंगोत्री हाईवे अपेक्षाकृत ठीक है, लेकिन सुक्की बैंड पर सक्रिय भूस्खलन कभी भी यात्रा पर ब्रेक लग सकता है।