सरकारी दावों की खुलने लगी पोल
देहरादून। चार धाम यात्रा को सफल बनाने के लिए यूं तो शासन-प्रशासन सभी तैयारियां पूरी करने का दावा कर रहा है। लेकिन केदारनाथ धाम के पैदल यात्रा मार्ग की हालत अभी तक ठीक नहीं हो पाई है। क्योंकि बारिश और बर्फबारी की वजह से विद्युत केबलों को अंडरग्राउंड करने का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। जो यात्रा तैयारियों के दावों की पोल खोल रही है। ंशासन ने गौरीकुंड से केदारनाथ तक बिजली के झूलते तारों को अंडरग्राउंड करने के लिए ऊर्जा विभाग को 22 करोड़ रुपये का बजट दिया था। जिसमें करीब 20 किलोमीटर दूरी तक के बिजली लाइन को अंडरग्राउंड किया जाना था, लेकिन केदारनाथ धाम की भौगोलिक परिस्थितियां और बर्फबारी की वजह से केबलों को अंडरग्राउंड करने का काम पूरा नहीं हो पाया है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना है कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग की बिजली के केबल को अंडरग्राउंड करने का कार्य चल रहा है, जो लगभग पूरा हो चुका है। शेष कार्य को जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा। जिससे यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक अंडरग्राउंड वायरिंग होनी है, लेकिन वहां अभी बर्फ हटाने का काम चल रहा है। सड़कों को ठीक भी किया जा रहा है साथ ही केबल भी बिछाई जा रही हैं। जिसमें थोड़ा समय और लग सकता है, लेकिन चारधाम यात्रा शुरू होने तक इन कामों को पूरा कर लिया जाएगा। इस मसले पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आरपी रतूड़ी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि चारधाम यात्रा शुरू होने को है, लेकिन सरकार अभी तक सड़कों से मलबा नहीं हटा पाई है और न ही बिजली के तारों को अंडरग्राउंड कर पायी हैं। साथ ही कहा कि सरकार चारधाम यात्रा के प्रति गंभीर नहीं है। अगर सरकार गंभीर होती तो चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं अभी तक पूरी हो जाती। चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन के लिए न सिर्फ केबल विद्युत लाइनों को व्यवस्थित किया जा रहा हैं बल्कि सभी मूलभूत सुविधाओं को भी दुरुस्त किया जा रहा है। अब देखना होगा कि वास्तव में उत्तराखंड की चारधाम यात्रा करने वाले लाखों श्रद्धालु देवभूमि से यात्रा का सुखद संदेश लेकर जायेंगे या नहीं। यह भषिष्य के गर्भ में छिपा है।