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Wednesday, May 08, 2024

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श्राइन बोर्ड के विरोध में विस. पर हल्ला बोल, रिस्पना पुल पर रोका तीखी नोंक झोंक

देहरादून। चारधाम श्राइन बोर्ड  गठन के  फैसले के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने आज विधानसभा का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान रिस्पना पुल पर बने बैरिकेंटिग पर पुलिस द्वारा उन्हे रोके जाने के दौरान जमकर धक्का मुक्की और तीखी नोंक झोंक भी हुई।
श्राइन बोर्ड का विरोध कर रहे देव भूमि के तीर्थ पुरोहित और हक हुकूक धारियों में सरकार के इस निर्णय को लेकर भारी गुस्सा है। इन तीर्थ पुरोहितों का समर्थन कई सामाजिक संस्थाओं और कांग्रेस द्वारा भी किया जा रहा है। अपने  तय कार्यक्रम के अनुरूप आज हजारों की संख्या में तीर्थ पुरोहित और उनके समर्थक बन्नू कालेज के प्रांगण में जमा हुए जहंा से वह सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधानसभा की ओर रवाना हुए। तीर्थ पुरोहितों द्वारा कई दिन पहले 4 दिसम्बर को विधानसभा घेराव की घोषणा कर दी गयी थी। जिसके मद्देनजर पुलिस प्रशासन भी चैकन्ना था। बीते कल भी इन तीर्थ पुरोहितों द्वारा सीएम आवास कूच किया गया था जिसे हाथीबड़कला पर पुलिस द्वारा रोक दिया गया था। इस दौरान केदारनाथ विधायक मनोज रावत भी प्रदर्शन में दिखे। आज जैसे ही तीर्थ पुरोहित एक रैली की शक्ल में विधानसभा की ओर रवाना हुए तो पुलिस ने उन्हे रिस्पना पुल पर बनाये गये बैरिकेटिंग पर रोक दिया गया। इस दौरान इन तीर्थ पुरोहितों द्वारा कई बार बैरिकेटिंग को लांघकर आगे जाने की कोशिशें भी की गयी। तथा पुलिस कर्मियों के साथ उनकी तीखी नोंक झोंक व धक्का मुक्की भी हुई। जिसमें कुछ लोगों को हल्की चोंटे भी आयी है लेकिन पुलिस ने उन्हे रिस्पना पुल से आगे नहीं बढ़ने दिया। यहंा रोके जाने पर प्रदर्शन कारी सड़क पर ही बैठ गये और घंटो तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। यहंा यह उल्लेखनीय है कि सुरक्षा के मद्देनजर विधानसभा क्षेत्र में धारा 144 लागू है।
प्रदर्शन कारियों मेें प्रमुख रूप से  बदीनाथ धाम से जुड़े टेनखण्ड, हक हुकूकधारी महासंघ, डिम्टी बड़ी पंचायत केदारनाथ तीर्थ  पुरोहित महासभा, गंगोत्री तीर्थ पुरोहित  महासभा, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा व चन्द्रबनी मन्दिर समिति सहित तमाम उन 47 मन्दिरों के पंडित और पुजारी शामिल थे जिन्हे सरकार ने इस श्राइन बोर्ड के दायरे में रखा है। उनके इस प्रदर्शन ने तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत और भारतीय ब्राहमण एकता परिषद भी शामिल रही। प्रदर्शन कारियों का कहना है कि सरकार जब तक इस तुगलकी निर्णय को वापस नहीं लेगी उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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