देहरादून। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री और उनके करीबियों के स्टिंग आपरेशन में निजी चैनल के सीईओ उमेश कुमार शर्मा के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस खुद ही उलझ गई है। शर्मा का आरोप है कि दून पुलिस के कोर्ट से गिरफ्तारी और सर्च वारंट लेने में फर्जीवाड़ा किया। उन्होंने फर्जी दस्तावेज के आधार बनाकर गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दी है। आरोप लगाया कि पुलिस ने यह फर्जीवाड़ा मुख्यमंत्री, आईजी और एसएसपी के इशारे पर किया है। उधर गाजियाबाद के एसएसपी का कहना है कि जांच में आने वाले तथ्यों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
सीएम और उसके करीबियों से स्टिंग आपरेशन के मामले में निजी चैनल के सीईओ उमेश कुमार शर्मा की गिरफ्तारी के समय पुलिस ने कार्रवाई को लेकर जिस तरह के तीखे तेवर दिखाए थे, वो वक्त के साथ ढीले पड़ गए है। अब पुलिस लगातार बैकफुट पर है।
बता दें कि मुख्यमंत्री और उनके करीबियों के स्टिंग आपरेशन के मामले में निजी चैनल के कर्मचारी आयुष गौड़ की तरफ से राजपुर थाने में एक नवंबर को सीईओ उमेश कुमार शर्मा, मृत्युंजय मिश्रा समेत पांच लोगों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग और वसूली की धारा में मुकदमा दर्ज कराया गया था। विवेचक ने अगस्त माह में कोर्ट से गिरफ्तारी और सर्च वारंट लेकर 28 अगस्त को गाजियाबाद स्थित घर से उमेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया था।