राज्य आंदोलन में शहीद हुए शहीद राजेश नेगी को अर्पित की श्रद्धांजलि | Jokhim Samachar Network

Thursday, May 02, 2024

Select your Top Menu from wp menus

राज्य आंदोलन में शहीद हुए शहीद राजेश नेगी को अर्पित की श्रद्धांजलि

 

आज ही के दिन 2 अक्टूबर 1994 को एक दिल दहला देना वाला कांड हुआ था।
जिसको सब मुज्जफरनगर तिराहा कांड के नाम से जानते है जिसमें उत्तराखंड के कई लोग शहीद हुए।जिसमे एक हमारे भानियावाला के एक सपूत भी शहीद हुए शहीद राजेश नेगी जो 1-2 अक्टूबर, 1994 को मुजफ्फरनगर तिराहे पर पुलिस की गोली का शिकार बने थे
इनकी लाश को पुलिस ने कहां फेंका या उसके साथ क्या किया, कुछ पता नहीं। इनकी आज तक लाश नहीं मिली….जब यह शहीद हुए….इसकी उम्र मात्र 21 साल थी।
इनका कसूर यह था कि यह दिल्ली रैली में अपनी आंखों में उत्तराखण्ड का सपना पाले…..सरकार से अपने हिस्से का वाजिब हक मांगने जा रहे थे।
बसों से जब बाल खींचकर महिलाओं को निकाला जाने लगा और उनसे बदतमीजी की जाने लगी, तो यह अपनी मां-बहनों को बचाने के लिये पुलिस वालों के अत्याचार का विरोध करने लगा था। पुलिस को यह नागवार गुजरा…..प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इसे राइफल की बटों से मार कर लुहुलुहान कर दिया गया और जब यह बेहोश हो गया तो उसे एक जीप में डाल दिया गया, उसके बाद पहाड़ का यह जाबांज लडाका कहां गया, किसी को पता नहीं।

इसकी मौत का सदमा इसके पिता सहन नहीं कर पाये…..तीन साल बाद उनकी मृत्यु हो गई….घर का सबसे छोटा लड़का….सबका लाड़ला…नाजों में पला….. पुलिस की बेरहमी का शिकार हो गया, मां भी इसके सदमें में अर्ध विक्षिप्त हो गई, सालों तक हर घर आने वाले से अपने राजेश का पता पूछती रही….राज्य बन गया….जैसे-तैसे इसे भी शहीद का दर्जा मिल गया, लोग क्या-क्या बन गये, लेकिन खुशहाल और उन्नत उत्तराखण्ड का सपना पाले यह नौजवान हमारे सुखद भविष्य के लिये अपना वर्तमान कुर्बान कर गया।
श्रद्धांजलि देने में मनोज नौटियाल,नंदू प्रधान,राहुल सैनी,केन्द्रपाल तोपवाल,रविन्द्र सोलंकी, देशराज(देशु भाई),हितेंद्र सैनी, मोहम्मद रज्जा,अरशद, चंडी प्रसाद थपलियाल, ईश्वर सिंह रौथाण, नागेंद्र चौहान आदि मौजूद रहे।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *