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Friday, May 17, 2024

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आज है जन्‍माष्‍टमी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

देहरादून। जन्‍माष्‍टमी हिन्‍दुओं का प्रमुख त्‍योहार है. हिन्‍दू मान्‍यताओं के अनुसार सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्‍णु के आठवें अवतार नटखट नंदलाल यानी कि श्रीकृष्‍ण के जन्‍मदिन को श्रीकृष्‍ण जयंती या जन्‍माष्‍टमी के रूप में मनाया जाता है। हालांकि इस बार कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी की तारीख को लेकर लोगों में काफी असमंजस में हैं. लोग उलझन में हैं कि जन्‍माष्‍टमी 23 अगस्‍त या फिर 24 अगस्‍त को मनाई जाए. दरअसल, मान्‍यता है कि भगवान श्रीकृष्‍ण का जन्‍म भाद्रपद यानी कि भादो माह की कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. अगर अष्‍टमी तिथि के हिसाब से देखें तो 23 अगस्‍त को जन्‍माष्‍टमी होनी चाहिए, लेकिन अगर रोहिणी नक्षत्र को मानें तो फिर 24 अगस्‍त को कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी होनी चाहिए। आपको बता दें कि कुछ लोगों के लिए अष्‍टमी तिथि का महत्‍व सबसे ज्‍यादा है वहीं कुछ लोग रोहिणी नक्षत्र होने पर ही जन्‍माष्‍टमी का पर्व मनाते हैं.
जन्‍माष्‍टमी के दिन कृष्‍ण को लगाएं।इस एक चीज का भोग, नहीं पड़ेगी 56 भोग बनाने की जरूरत है।

जन्‍माष्‍टमी कब है?
हिन्‍दू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी कि आठवें दिन मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी हर साल अगस्‍त या सितंबर महीने में आती है। तिथि के हिसाब से जन्‍माष्‍टमी आज मनाई जाएगी। वहीं, रोहिणी नक्षत्र को प्रधानता देने वाले लोग 24 अगस्‍त को जन्‍माष्‍टमी मना सकते हैं.

जन्‍माष्‍टमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
जन्‍माष्‍टमी की तिथिः 23 अगस्‍त और 24 अगस्‍त.
अष्‍टमी तिथि प्रारंभः 23 अगस्‍त 2019 को सुबह 08 बजकर 09 मिनट से.
अष्‍टमी तिथि समाप्‍तः 24 अगस्‍त 2019 को सुबह 08 बजकर 32 मिनट तक.

रोहिणी नक्षत्र प्रारंभः 24 अगस्‍त 2019 की सुबह 03 बजकर 48 मिनट से.
रोहिणी नक्षत्र समाप्‍तः 25 अगस्‍त 2019 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट तक.

व्रत का पारणः जानकारों के मुताबिक जन्‍माष्‍टमी के दिन व्रत रखने वालों को अष्‍टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के खत्‍म होने के बाद व्रत का पारण करना चाहिए. अगर दोनों का संयोग नहीं हो पा रहा है तो अष्‍टमी या रोहिणी नक्षत्र उतरने के बाद व्रत का पारण करें।

जन्‍माष्‍टमी की पूजा विधि
जन्‍माष्‍टमी के दिन भगवान कृष्‍ण की पूजा का विधान है. अगर आप अपने घर में कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी का उत्‍सव मना रहे हैं तो इस तरह भगवान की पूजा करेंरू
– स्‍नान करने के बाद स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें.।
– अब घर के मंदिर में कृष्ण जी या लड्डू गोपाल की मूर्ति को सबसे पहले गंगा जल से स्नान कराएं।
– इसके बाद मूर्ति को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और केसर के घोल से स्नान कराएं।
– अब शुद्ध जल से स्नान कराएं।
– इसके बाद लड्डू गोपाल को सुंदर वस्‍त्र पहनाएं और उनका श्रृंगार करें।
– रात 12 बजे भोग लगाकर लड्डू गोपाल की पूजन करें और फ‍िर आरती करें.।
– अब घर के सभी सदस्‍यों में प्रसाद का वितरण करें.।
– अगर आप व्रत कर रहे हैं तो दूसरे दिन नवमी को व्रत का पारण करें।

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