लघु व मंझौले अखबारों और न्यूज पोर्टलों की अनदेखी पर पत्रकारों ने सूचना निदेशालय में जड़ा ताला, किया धरना-प्रदर्शन | Jokhim Samachar Network

Tuesday, May 07, 2024

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लघु व मंझौले अखबारों और न्यूज पोर्टलों की अनदेखी पर पत्रकारों ने सूचना निदेशालय में जड़ा ताला, किया धरना-प्रदर्शन

लघु व मंझौले अखबारों और न्यूज पोर्टलों की अनदेखी पर पत्रकारों ने सूचना निदेशालय में जड़ा ताला, किया धरना-प्रदर्शन

    

देहरादून,संवाददाता। उत्तराखंड सूचना विभाग द्वारा प्रदेश से प्रकाशित लघु व मंझौले समाचार पत्रों और न्यूज पोर्टलों की घोर उपेक्षा किए जाने से आक्रोशित पत्रकारों ने रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय में तालाबंदी कर धरना-प्रदर्शन किया। पत्रकारों द्वारा सूचना विभाग की इस पक्षपातपूर्ण नीति की कड़े शब्दों में निंदा की गई। पत्रकारों का कहना था कि सूचना विभाग लघु व मंझौले समाचार पत्रों और न्यूज पोर्टलों की लगातार अनदेखी कर रहा है। प्रदर्शनकारी पत्रकारों ने लघु व मंझौले समाचार पत्रों और न्यूज पोर्टलों को शीघ्र विज्ञापन जारी किए जाने की मांग की। सूचना विभाग की अनदेखी से नाराज विभिन्न पत्रकार संगठनों से जुड़े पत्रकार शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे सूचना निदेशालय के मुख्य गेट पर एकत्रित हुए और वहां पर विभाग की विज्ञापन में पक्षपातपूर्ण नीति के विरोध मंे नारेबाजी करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने सूचना निदेशालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। दस बजे के करीब जब सूचना विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय पहुंचे वहां मुख्य गेट पर ताला जड़ा देख वे कुछ समय के लिए इधर-उधर हो गए। बाद में अधिकारी व कर्मचारी निदेशालय के पिछले गेट से अंदर पहुंचे। इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस से नोक-झोंक भी हुई। पत्रकारों में सूचना विभाग जो कि  स्वयं मुख्यमंत्री के पास है की मनमानी से खासा रोष व्याप्त है। पत्रकारों का कहना था कि सूचना विभाग प्रदेश से प्रकाशित लघु व मंझौले समाचार पत्रों और न्यूज पोर्टलों के हितों पर कुठाराघात कर रहा है। विज्ञापन न देकर उनका गला घोंटने का काम सूचना विभाग द्वारा किया जा रहा है। लघु, मंझौले समाचार पत्रों और आधुनिक मीडिया न्यूज पोर्टलों के बिना सूचना विभाग का कोई अस्तित्व नहीं है, यह अच्छी तरह से जानते हुए भी विभाग के उच्चाधिकारी विज्ञापन आवंटन में मनमानी कर रहे हैं। प्रदेश से बाहर के अखबारों व मैगजीनों पर विभाग द्वारा लाखों रूपये विज्ञापन पर लुटाए जा रहे हैं लेकिन अपने प्रदेश में प्रकाशित हो रहे लघु व मंझौले समाचार पत्रों और न्यूज पोर्टलों की जमकर उपेक्षा की जा रही है। प्रदर्शनकारी पत्रकारों का कहना था कि पिछले 18 वर्षों से हर साल श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर आधारित विज्ञापन मिलता आ रहा था लेकिन इस बार इस विज्ञापन को काट दिया गया। हरेला, योग दिवस और चारधाम यात्रा से संबंधित विज्ञापन भी नहीं दिया गया। एक ओर सरकार प्रदेश में रोजगार देने के बड़े-बड़े दावे करती नहीं थक रही वहीं दूसरी ओर लघु व मंझोले समाचार पत्रों व न्यूज पोर्टलों से जुड़े पत्रकारों को बेरोजगार करने पर सरकार तुली हुई है।  सोशल मीडिया में इस आंदोलन को कल्पना से भी अधिक तवज्जो मिलने से सभी पत्रकारों का काफी हौसला बढ़ा और पत्रकारों की जायज मांगों पर सरकार की तानाशाही और दमनकारी नीतियों की काफी आलोचना हुई है। मांग पत्र लेने के लिए संयुक्त निदेशक तथा अपर निदेशक सूचना अनिल चंदोला  और राजेश कुमार आंदोलन स्थल पर आए और पत्रकारों की जायज मांगों को लेकर की जा रही कार्यवाही से अवगत कराया गया। आज का आंदोलन कल तक के लिए स्थगित किया गया है तथा यह निर्णय लिया गया कि यदि  पत्रकारों की मांगों को स्वीकार करके कार्यवाही का आश्वासन मिल जाता है तो सभी पत्रकार कल धन्यवाद और आभार के लिए फिर से सूचना भवन पर एकत्रित होंगे अन्यथा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम सूचना विभाग की दमनकारी नीतियों के खिलाफ बुद्धि शुद्धि यज्ञ सुबह 11:00 बजे सूचना भवन पर आयोजित किया जाएगा। धरने-प्रदर्शन में पत्रकार शिवप्रसाद सेमवाल, सुरेंद्र अग्रवाल, जीतमणि पैन्यूली, विकास गर्ग, वीरेंद्र दत्त गैरोला,दिनेश शक्ति त्रिखा, चंद्रवीर गायत्री, रचना अग्रवाल, सोमदेव, दीपक धीमान, आलोक शर्मा, संजीव पंत, चंद्रकला काला, मनीष वर्मा, लक्ष्मी बिष्ट, पंकज कपूर, विजय रावत, अनूप ढौंडियाल, हरीश चमोली समेत छह दर्जन से अधिक पत्रकार शामिल हुए। 

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