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Friday, April 26, 2024

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दून के लिए बढ़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेनों की संख्या

देहरादून। रेलवे स्टेशन के लिए इलेक्ट्रिक ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए मेगा ब्लॉक के दौरान देहरादून स्टेशन पर सभी प्लेटफार्मों को इलेक्ट्रिक किया जाएगा। दून के लिए इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने से समय के साथ ही राजस्व की भी बचत भी होगी। इलेक्ट्रिक ट्रेनें पर्यावरण के लिहाज से भी फायदेमंद होंगी। उत्तर रेलवे एमडीडीए के साथ मिलकर देहरादून स्टेशन को मॉडल स्टेशन बनाने जा रहा है। इसके लिए 10 नवंबर से सात फरवरी 2020 तक मेगा ब्लॉक लिया जा रहा है। इस दौरान देहरादून-हरिद्वार के बीच ट्रेनों का संचालन पूरी तरह ठप रहेगा। देहरादून स्टेशन पर पटरियां नए सिरे से बिछाई जाएंगी। अभी स्टेशन पर चार प्लेटफार्म हैं। एक प्लेटफार्म नया बनाया जाएगा। स्टेशन के दो प्लेटफार्म इलेक्ट्रिक हैं, लेकिन अब सभी प्लेटफार्म को इलेक्ट्रिक किया जाएगा। सभी प्लेटफार्मों के इलेक्ट्रिक होने से दून आने और यहां से जाने वाली इलेक्ट्रिक ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी। इसके साथ ही स्टेशन पर आधुनिक सिग्नल सिस्टम भी लगाया जाएगा।
इलेक्ट्रिक ट्रेनों के चलने से समय की बचत होगी। डीजल इंजन एक बार रुकने पर दोबारा स्पीड लेने में दो से तीन मिनट का समय लेता है। जबकि इलेक्ट्रिक इंजन एक से दो मिनट में स्पीड पकड़ लेता है। इसके अलावा यदि ट्रेन का लोड दस कोच है तो छह से सात लीटर डीजल प्रतिकिमी खपत होती है। जबकि इलेक्ट्रिक इंजन 35 से 40 यूनिट बिजली की खपत करता है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि ब्रेकिंग के दौरान इलेक्ट्रिक इंजन बिजली रिजनरेट करता है। डीजल से पर्यावरण प्रदूषित होता है, लेकिन इलेक्ट्रिक इंजन से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।
देहरादून रेलवे स्टेशन से 40 ट्रेनों की आवाजाही होती है। इसमें अभी केवल सात ट्रेनें ही इलेक्ट्रिक इंजन से चलती है, जिसमें जन शताब्दी, शताब्दी, नंदादेवी, राप्तीगंगा, उपासना, ओखा और बांद्रा एक्सप्रेस शामिल हैं। बाकी सभी डीजल इंजन से चलती हैं। इसके बाद इलेक्ट्रिक ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी।

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