हरिद्वार। राज्य सरकार के निर्देशन में प्रशासन द्वारा सभी सामाजिक संगठनों के सहयोग से कोविड-19 के दृष्टिगत लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है लेकिन कुछ असामाजिक गतिविधियों में रहने वाले ब्लैकमेलर शराब की तस्करी कर रहे हैं। आए दिन पुलिस प्रशासन ,आबकारी विभाग अभियान चलाकर शराब की अवैध बिक्री को रोकने में लगी हुई है। अवैध शराब की बिक्री से राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व का नुकसान हो रहा है। अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राज्य सरकार को ग्रीन जोन में शराब के ठेके खोल देने चाहिए ताकि शराब के ठेकों के माध्यम से सरकार को करोड़ों का राजस्व प्राप्त हो सके और राज्य के विकास व कोरोना जंग के इस अभियान में राज्य कर्मचारियों के समय पर वेतन का भुगतान व सरकारी राजस्व की पूर्ति के साथ राज्य सरकार की अन्य जनसेवार्थ योजनाएं भी क्रियान्वयन होती रहे।
इस अवसर पर पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष, भाजपा नेता संजय चोपड़ा ने राज्य सरकार से मांग की शराब की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने के उद्देश्यों की पूर्ति व राज्य सरकार को शराब की अवैध बिक्री से करोड़ो के राजस्व का नुकसान के दृष्टिगत राज्य के ग्रीन जोन में लॉकडाउन की अवधि के दौरान विशेष छूट के समय शराब की पाबंदी को हटा देनी चाहिए ताकि राज्य सरकार शराब की बिक्री से करोड़ो रुपये के राजस्व की प्राप्ति के साथ कर्मचारियों की तनख्वाह, पेंशन इत्यादि के लिए राजस्व की जरूरत है ओर इसके लिए रेड जोन को छोड़ कर ग्रीन जोन में शराब के ठेके, खनन के पट्टे इत्यादि सरकारी गतिविधिया जिनसे राजस्व की प्राप्ति हो व जिस प्रकार उद्योग राज्य सरकार द्वारा संचालित किए गए है उसी के तर्ज पर यह कदम सरकार की तरफ से उठाये जाने चाहिए। उन्होंने यह भी राज्य में शराब के ठेके से बिक्री ना होने के कारण शराब माफिया फल-फूल रहे है और सरकार को दैनिक राजस्व का भारी मात्रा में नुकसान हो रहा है जबकि पुलिस प्रशासन आबकारी विभाग निरंतर प्रयास कर रहे है उसके बावजूद भी शराब की कालाबाजारी हो रही है। इन बिन्दुओ के दृष्टिगत सरकार को शराब की सरकारी दुकाने खोलने के साथ साथ अन्य सरकारी राजस्व की प्राप्ति की गतिविधियों को खोला जाना उचित कदम होगा। उन्होंने कहा सरकार द्वारा वैसे भी जिन लोगो ने बोली लगाकर या टेंडर सिस्टम से पैसा लगाकर ठेका या पट्टा हासिल किया है उनका व्यापार ध्वस्त हो चुके है और दिन भर दिन असामाजिक गतिविधिया बढ़ती जा रही है जोकि औचित्यपूर्ण नही है इसके लिए सरकार को कोविड-19 की महामारी के बचाव के साथ साथ लोगो की दिनचर्या को भी दृष्टिगत रखना होगा।