चकबन्दी दिवस पर समन्वित कृषि केन्द्र उम्मीद का उद्घाटन | Jokhim Samachar Network

Tuesday, May 07, 2024

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चकबन्दी दिवस पर समन्वित कृषि केन्द्र उम्मीद का उद्घाटन

-गंवाणी, हल्द्वानी एवं दिल्ली में आयोजित किये गये कार्यक्रम
देहरादून। पहाड़ में चकबन्दी की मांग को लेकर प्रयासरत गरीब क्रान्ति अभियान द्वारा सहयोगी संस्थाओं फील गुड एवं हिटो पहाड़ फार्मिग एक्यूप्मेंट के सहयोग से ढुग्याड़ तोक, गवाणी, पौड़ी गढ़वाल में चकबन्दी दिवस का आयोजन किया गया। लगभग 70 नाली जमीन पर एक समन्वित कृषि केन्द्र ‘‘उम्मीद’’ का उदघाटन किया गया। इस केन्द्र के संस्थापक हेमन्त सिंह नेगी एवं सुधीर सुन्दरियाल द्वारा इसके लिये पिछले तीन वर्षो से किये जा रहे प्रयासों से लोगों को अवगत कराया गया कहा कि आज विखरी हुई जोत के कारण रोजगार परख खेती नही की जा सकती इसके लिये चकबन्दी वरदान साबित हो सकती है और सरकार को शीघ्र इसकी शुरूआत करनी चाहिये साथ ही चकबन्दी नेता गणेश सिंह गरीब के 40 वर्षो के संघर्ष का सफर से भी लोगों के अवगत कराया गया। इस अवसर पर चकबन्दी के लिये विगत 30 वर्षो से प्रयासरत रहे वरिष्ठ पत्रकार ललित मोहन कोठियाल के विचारों को आगे बढ़ाते हुये अभियान द्वारा कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में विक्रम सिंह रावत को ‘‘संकल्प श्री’’ सम्मान से सम्मानित किया गया।
 जिला मुख्य कृषि अधिकारी डाॅ कल्याण सिंह द्वारा किसानों को सरकारी स्तर पर चलायी जा रही योजनाओं का समुचित लाभ लेने सम्बन्धी जानकारी दी गयी। कृषि में अभिनव प्रयोग करने वाले कृषि पंडित विद्यादत्त शर्मा ने कहा कि हमें वर्तमान कृषि के स्वरूप को पहचानना होगा इसके लिये उन्होने चकबन्दी किये जाने की पुरूजोर वकालत की साथ ही अपनी कविता के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया कि वे अभी भी अपनी वृद्धावस्था में कृषि के प्रति अपने कार्य को निष्ठा पूर्वक निभा रहे हैं और इसके लिए वे अन्य लोगों को भी प्रेरित करते हैं। भरसार विश्वविद्यालय के डीन द्वारा द्वारा उपस्थिति लोगों के कृषि सम्बन्धित जानकारी के साथ ही मशरूम के उत्पादन सम्बन्धी जानकारी दी गयी। पिछले वर्ष ‘‘संकल्प श्री’’ सम्मान से सम्मानित कृषक अनूप पटवाल ने कहा कि किस प्रकार हम अपने उत्तराखंड में भी विदेशी फलदार पौधों को सीमित संसाधनों से उगा सकते है उनके द्वारा कीवी फल उत्पादित किये जा रहे है जिनकी बाजार में भारी डिमांड है और वह अपने इस प्रयास में प्रयास सफल भी हुए हैं। हिटो पहाड़ के संजय बुड़ाकोटी द्वारा ग्रामीणों को कृषि उपकरणों की जानकारी दी गयी जिससे कि कृषि कार्य सुगमता से किये जा सकते हैं। पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र सिंह रावत, तीरथ सिंह राही, बच्ची राम ढौड़ियाल एंव डॉ जयंती प्रसाद नवानी द्वारा सभी ग्रामीणों को बताया गया कि, किस प्रकार से हम अपने खेतों को आबाद रखनें के लिए चकबंदी व अन्य तकनीकी संसाधनों का प्रयोग कर सकते हैं और साथ ही अन्य नई तकनीकों से बागवानी को सुयोग्य व सफल बना सकते हैं।
कार्यक्रम में भलु लगद संस्था के बच्चों द्वारा कृषि सम्बन्धी लोकेश नवानी जी की कविता “छुचों दाथी सम्भाला“ पर नृत्य किया गया तथा साथ ही पुरुष थडिया चैंफला टीम के द्वारा प्रस्तुति दी गयी। कार्यक्रम में अभियान के सदस्य रोहित नेगी, अनूप सिंह रावत, नूतन पंत एवं समाजसेवी पुष्कर जोशी, विकास पांथरी, संजय नवानी, अन्नू पंत, माधवशरण त्रिपाठी, महेन्द्र सिंह राणा,राकेश पोखरियाल, नेहा बुड़ाकोटी, सहित गंवाणी, डबरा, किमगडी और आस-पास के क्षेत्रों के कई कृषक शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन अशोक सुन्दरियाल द्वारा किया गया।
साथ ही अशोक नगरी दिल्ली में जगमोंहन जिज्ञासु के संयोजन में चकबन्दी दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से डाॅ विनोद बछेती, चारू तिवारी, विनोद मनकोटी, संजीव नेगी, अनूप सिंह नेगी, एडवोकेट बोरा, हरीश जोशी, कुलदीप रावत,पृथ्वी केदार खंडी, विहारी लाल जालन्धरी, संतोष जोशी, वीरन्द्र जुयाल, सरिता कठैत, संजय बिष्ट आदि ने चकबन्दी एंव भूप्रबन्धन की बात की। शंकर ढौढ़ियाल द्वारा गीत ‘‘सुणि ल्यावा जागि जावा, कसा कमर मुट बोटि ल्यावा खेत खल्याण बचाणों कु मूल चकबन्दी गाकर चकबन्दी के लिये आगे आने के लिये लोगों का आह्वाहन किया गया। वहीं दूसरी ओर एवं हल्द्वानी के गोविन्दपुर गरवाल गाँव में कबन्दी दिवस का दिवस का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में केवलानन्द तिवारी ने कहा कि सरकार को सबसे पहले एक-दो गाँवों को चकबन्दी माॅडल के रूप में स्थापित करना चाहिये और यदि सरकार ऐसा नही कर पाती तो जो गाँव चकबन्दी के लिये तैयार है उन्हें चकबन्दी करने की अनुमति देनी चाहिये ताकि पहाड़ में चकबन्दी की राह खुल सके। ‘‘‘‘

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