भोजनमाताओं ने एपीडी को बताई अपनी समस्याएं | Jokhim Samachar Network

Saturday, May 04, 2024

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भोजनमाताओं ने एपीडी को बताई अपनी समस्याएं

विकासनगर। छात्र संख्या घटने के कारण रोजगार समाप्त होने से आशंकित भोजनमाताओं ने अपर राज्य परियोजना निदेशक (एपीडी) से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्याएं बताई। कहा कि 25 से कम छात्र संख्या होने पर हटाई गईं भोजनमाता को दुबारा छात्र संख्या बढ़ने पर नौकरी पर रखा जाना चाहिए। गुरुवार को भोजनमाता संगठन की पदाधिकारियों ने एपीडी डा. मुकुल कुमार सती को बताया कि इन दिनों छात्र संख्या कम होने पर भोजनमाताओं को उनके दायित्व से पृथक किया जा रहा है। जबकि उसी विद्यालय में छात्र संख्या बढ़ने पर नई भोजनमाता रख दी जाती है। बताया कि छात्र संख्या बढ़ने पर पहले हटाई गई भोजनमाता को ही दुबारा रखा जाना चाहिए। 65 से 70 वर्ष की आयु में भोजनमाता को सम्मानजनक राशि देकर सेवानिवृत्त किया जाना चाहिए। इसके लिए भोजनमाता कल्याण कोष का गठन किया जाना जरूरी है। कुछ विद्यालयों में भोजनमाताओं से मध्याह्न भोजन पकाने के इतर भी काम कराया जा रहा है, जिससे उनका शोषण हो रहा है। कहा ऐसी प्रथा को समाप्त किया जाना चाहिए। इसके साथ ही बताया कि भोजनमाताओं को भी प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का लाभ दिया जाए। गर्मी के मौसम में विद्यालयों में चूल्हे पर भोजनमाताओं को भोजन पकाने को मजबूर किया जा रहा है। इसके साथ ही भोजनमाताओं ने व्यवस्था में सुधार लाने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति का चुनाव अभिभावकों की मौजूदगी में कराए जाने की मांग रखी। साथ ही बताया कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के विद्यालयों की विद्यालय प्रबंधन समिति में एक पूर्व सैनिक को भी सदस्य बनाया जाना चाहिए। एपीडी से मिलने वालों संगठन की अध्यक्ष उषा देवी, महामंत्री माधुरी तोमर, संरक्षक जगदीश गुप्ता, प्रमिला चौहान, मीरा चौहान आदि शामिल रहे।

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