ऋषिकेश। आवासीय कल्याण समिति आईडीपीएल ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है। वे आईडीपीएल कॉलोनी वासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिए जाने से नाराज हैं। उन्होंने आईडीपीएल कॉलोनी को ऋषिकेश नगर निगम में शामिल किए जाने की मांग की। शुक्रवार को आवासीय कल्याण समिति के बैनर तले आईडीपीएल कॉलोनीवासी तहसील पहुंचे। तहसील परिसर में उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि आईडीपीएल ऋषिकेश को वर्ष 1962 में सोवियत संघ की मदद से आम जन को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। लेकिन 1997 से यहां उत्पादन बंद पड़ा हुआ है। आईडीपीएल संस्थान बंद के बाद से ही यहां लगभग 1600 परिवार निवास कर रहे हैं। जिनमें सबसे अधिक 70 से 80 आयु के हैं। जो कि आर्थिक एवं स्वास्थ्य समस्याओं से गुजर रहे हैं, उनके ऊपर बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है। आईडीपीएल कॉलोनी में रहने वालों को सरकार की किसी भी योजना जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, वृद्धा व विधवा पेंशन, परिवार रजिस्टर, छोटे व्यापार हेतु ऋण योजना, बिजली, पानी, सफाई आदि योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है। आईडीपीएल क्षेत्र को वन भूमि बताकर यहां बनी कॉलोनी को उजाड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन आईडीपीएल कॉलोनी को ऋषिकेश नगर निगम में शामिल किए जाने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में समिति सचिव सुनील कुटलैहड़िया, शीला देवी, रामेश्वरी देवी, नीलम चंदानी, सरोजनी लखेड़ा, भगवती चमोली, उर्मिला गुप्ता, सुधा गुप्ता, शकुंतला, अमित कुकसाल, प्रमिला, सीता देवी, कादम्बरी, सुचिता सकलानी, नेहा, कृष्णा, कुंती गुसाईं, संदीप रावत आदि उपस्थित रहे।