देहरादून। प्रदेश की राजधानी के दून मेडिकल कॉलेज में 6 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के बाद भी अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। जिला चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज में विलय के बाद मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। वहीं गर्मियों के सीजन में औसतन 3 हजार की ओपीडी और सर्दियों में लगभग 15 सौ से ज्यादा की ओपीडी रहती है। वहीं स्टाफ की कमी मरीजों पर भारी पड़ रही है।
पांच सौ अट्ठारह बेड से सुसज्जित दून मेडिकल कॉलेज में मरीजों का तांता लगा रहता है। ऐसे में दून मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की कमी बनी रहती है। इस बात को दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य भी मानते हैं कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की कमी है।
डॉक्टरों के अलावा नर्सिंग स्टाफ, उपकरणों के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। वहीं रिसेप्शनिस्ट, बिलिंग काउंटर से लेकर वार्ड बॉय को आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति देने की प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही 138 डॉक्टरों की भी नियुक्ति पर कार्रवाई की जा रही है।
दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर केके टम्टा का कहना है कि अस्पताल मैन पावर की कमी से जूझ रहा है। मैन पावर के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में स्टाफ नर्स के अलावा लैब टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन की कमी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अगर उनको ये सुविधाएं मुहैया करा दी जाती हैं तो वे अस्पताल में 24 घंटे पैथोलॉजी सुविधा, एक्सरे सुविधा, सीटी स्कैन की सुविधाएं मरीजों को देंगे।