देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज में शनिवार से इंडियन सोसायटी ऑफ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट उत्तराखंड का 10वां दो दिनी वार्षिक सम्मेलन शुरू हुआ। कोविड-19 और एनेस्थिसियोलॉजिस्ट थीम पर आधारित सम्मेलन का शुभारंभ एचएनबी मेडिकल विवि के कुलपति प्रो. हेमचंद्र पांडेय, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने किया। प्रो. पांडेय एवं डा. सयाना ने कहा कि कोरोना से पहले समाज एनेस्थिया विभाग को केवल सर्जरी के लिए जानता था। लेकिन कोरोनाकाल में एनेस्थिसियोलॉजिस्ट ने जज्बे के साथ सेवा दी और हजारों जिंदगियां बचाई। आईसीयू मैनेजमेंट में उनका सराहनीय योगदान रहा।
देहरादून सोसायटी ऑफ एनेस्थिसिया की ओर से सम्मेलन हो रहा है। उद्घाटन में कुमार दिव्यम ने भरतनाट्यम की शानदार प्रस्तुति से डाक्टर्स का मन मोहा। मुख्य वक्ता हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के एनेस्थिसिया की एचओडी डा. उर्मिला परालिया ने कहा कि कोरोनाकाल में ऑनलाइन क्लास से छात्रों को थ्योरी की पढ़ाई तो करा दी गई। लेकिन सर्जरी रूकने की वजह से उनको व्यवहारिकता सीखने में वह पीछे रह गये। उनकी दक्षता में विकास नहीं कर सके। अब कोरोना का प्रकोप कम हुआ है और सर्जरी शुरू हुई तो उनको बेहतर तरीके से सिखाने पर जोर दिया। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट से डा. नीधि कुमार कोरोना के मरीजों का इलाज, डा. अतुल कुमार सिंह ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, डा. शोभा ने कोविड मरीजों में अल्ट्रासाउंड (पोकस) के बारे में अंतरराष्ट्रीय लेखों के बारे में जानकारी दी। कई मेडिकल कॉलेज एवं एम्स के डाक्टरों और छात्रों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। आयोजन समिति अध्यक्ष डा. गौरव चोपड़ा, सचिव डा. अतुल कुमार सिंह, डा. शोभा, डा. सत्यांश, डा. स्वाति, डा. शिवांकर, डा. अनिल जोशी, डा. अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।