देहरादून। निकाय चुनाव होने के बाद अबतक दून नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक तक नहीं हो पाई है। बोर्ड बैठक में हो रही लेटलतीफी से पार्षदों में खासी नाराजगी है। पार्षदों का कहना है कि बैठक न होने से वार्डों में बीते लंबे समय से विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। उधर, मेयर का कहना है कि बोर्ड मीटिंग रूम में काम चल रहा है, जिससे बैठक नहीं हो पा रही है। जल्द काम पूरा कर बैठक आयोजित की जाएगी।
प्रदेश में निकाय चुनाव बीते साल नवंबर महीने में संपन्न हो चुके हैं, लेकिन दो महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक नवनिर्वाचित मेयर की अध्यक्षता में एक भी बोर्ड बैठक आयोजित नहीं हो पाई है। पार्षदों का कहना है कि विकास कार्यों को लेकर आम जनता के सवालों का जवाब देना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
बकरालवाला वार्ड से कांग्रेसी पार्षद विजेंद्र पाल कांच ने बताया कि नगर निगम एक्ट के तहत दो महीने के भीतर बोर्ड बैठक कराने का प्रावधान रखा गया है, लेकिन अभीतक भी बोर्ड बैठक आयोजित नहीं की गई है। पार्षद नीनू सहगल ने कहा कि नए क्षेत्र जुड़ जाने के बाद आगे की प्रक्रिया नहीं की जा रही है। पुराने विकास कार्य भी लंबित पड़े हुए हैं, इसके लिए कोई नीति नहीं बन पाई है।
उधर, मेयर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि बोर्ड मीटिंग रूम में काम चल रहा है। बैठक के कमरे में फर्नीचर्स की व्यवस्था भी नहीं हो पाई है। ऐसे में बैठक का कमरा पूरी तरह से तैयार हो जाने पर बोर्ड बैठक कराई जाएगी।
गौर हो कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए फरवरी महीने के अंततक प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि फरवरी महीने में बोर्ड बैठक हो भी जाती है, तो क्या विकास कार्य के लिए मिलने वाला पैसा मिल पाएगा। साथ ही क्या नगर निगम के सभी वार्डों में इतनी कम अवधि में विकास कार्य शुरू हो पाएंगे। बता दें कि बीते साल 18 नवंबर 2018 को नगर निकाय निकाय चुनाव संपन्न कराया गया था। जिसमें 20 नवबंर को इसके परिणाम घोषित की गई थी। देहरादून नगर निगम से अध्यक्ष पद पर बीजेपी प्रत्याशी सुनील उनियाल गामा ने जीत दर्ज की थी।