बल्लीवाला फ्लाई ओवरः इंजीनियरों के दिमागी उपज ने किया नाक में दम | Jokhim Samachar Network

Saturday, May 18, 2024

Select your Top Menu from wp menus

बल्लीवाला फ्लाई ओवरः इंजीनियरों के दिमागी उपज ने किया नाक में दम

देहरादून। राजधानी देहरादून के बल्लीवाला में बना फ्लाई ओवर खराब प्रयोगों की प्रयोगशाला बन गया है।अब अपनी गलतियों को ढकने के लिए पीडब्ल्यूडी ने एक और प्रयोग किया है जिससे इस फ्लाई ओवर से गुजरना यात्रियों के लिए और मुसीबत हो गया है। 800 मीटर के इस फ्लाई ओवर को पार करने के लिए 170 बार झटके खाने पड़ेंगे।
एनएच 72 पर वाडिया इंस्टीट्यूट से चंद कदमों की दूरी पर 26 करोड़ रुपये की लागत से 2016 में बल्लीवाला फ्लाई ओवर बनाया गया था। करीब आठ सौ मीटर लंबे इस टू लेने फ्लाई ओवर की एक लेन पर 17 जगहों पर रंबल स्ट्रिप ब्रेकर बनाए गए हैं। दोनों लेन पर कुल 34 जगहों पर रंबल स्ट्रिप ब्रेकर हैं जिसमें एक रंबल स्ट्रिप में दस पट्टियां हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आपको फ्लाई ओवर क्रॉस करना है तो आपको 170 बार झटके खाने होंगे।
दुर्घटना रोकने के लिए इंजीनियरों के दिमाग की इस उपज ने आम आदमी की नाक में दम कर दिया है। हालत यह हो गई है कि लोग इन ब्रेकर से बचने के लिए अब फ्लाई ओवर पर जाने से ही तौबा कर रहे हैं।
एनएच 72 पर बना यह हाईवे शुरू से ही नाकाम होने वाले प्रयोगों का गिनी पिग बना रहा। मूलतः इसे फोर लेन के लिए डिजायन किया गया था लेकिन 2016 में जब बनकर तैयार हुआ तो टू लेन ही निकला। 2017-18 में इसे फिर फोन लेन बनाने की कवायद शुरू हुई लेकिन 113 करोड़ रुपये की लागत आने से शासन ने हाथ खड़े कर दिए।
डिजाइनिंग की गबड़ी की वजह से यह फ्लाई ओवर शुरू होते ही मनहूसियत का शिकार हो गया। 2016 में यातायात चालू होते ही फ्लाई ओवर में दुर्घटनाओं का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि अब तक 13 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अब इसे खूनी फ्लाई ओवर कहा जाता है। दुर्घटनाओं से बचने के लिए अब तक इस फ्लाई ओवर पर कई प्रयोग हो चुके हैं लेकिन दुर्घटनाएं थमी नहीं।
इसलिए अब यहां एक और प्रयोग रंबल स्ट्रिप ब्रेकर के रूप में किया गया जो फिर उलटा पड़ गया है। लोगों के भारी विरोध के बाद अब रंबल स्ट्रिप ब्रेकर की कुछ पट्टियां हटाई जा रही हैं। इसके अलावा सीएम के निर्देश पर अब एक बार फिर इसका फोर लेन बनाने के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *