रुद्रपुर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प, विश्व में शांति की कामना के साथ हरि मंदिर में चल रहे तीन दिनी महावारूनी स्नान महोत्सव का समापन हो गया। शांति सभा में दिवंगत आचार्य गोपाल महाराज के प्रमुख शिष्य विवेकानंद ब्रह्मचारी ने हरि भक्तों से ठाकुर हरिचंद की 12 आज्ञाओं का पालन करने और उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। रविवार सुबह कार्यक्रम की शुरुआत हरि लीलामृत ग्रंथ के पाठ से हुई। इसके बाद धर्म आलोचना में वक्ताओ ने कहा कि ब्राह्मण कुल में जन्म लेने के बाद भी दलित और निर्बल वर्ग के उत्थान के लिए ठाकुर हरिचांद के योगदान को नहीं बुलाया जा सकता। अंत में साधु विदाई कार्यक्रम हुआ और जय हरि बोल के गगन भेदी नारे के बीच विश्व की मंगल कामना की गई। इस दौरान मंदिर परिसर पर हरि बोल के उद्घोष के साथ कीर्तन किया गया। आचार्य विवेकानंद ब्रह्मचारी से आशीर्वाद लेकर मंदिर की परिक्रमा करते हुए सभी मतुआई अपने-अपने गंतव्य स्थान पर चले गए। इस दौरान मेले में आए मतुआ संप्रदाय के लोग और आयोजन समिति के सभी सदस्यों ने कीर्तन स्थल पर धुलौट(महन्त के पैरों की धूल से कीचड़ का लेप)कार्यक्रम के बाद सभी लोगों ने महाराज के साथ कामना सागर में स्नान किया। निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष सीमा लक्ष्मी राय, अनिदिता सरकार, सुनीता मिस्त्री, ब्यूटीशील, डॉ. सुधीर राय, आशुतोष राय, सुभाष सरकार, प्रशांत मालाकार समेत बड़ी संख्या में मतुआ संप्रदाय के लोग मौजूद रहे।