संघर्ष समिति को व्यापारियों का पूर्ण समर्थन
रुद्रप्रयाग। चारधाम परियोजना के प्रभावितों को मुआवजा और व्यापारियों को पुनर्वासित किए जाने की मांग को लेकर आज जनपद रुद्रप्रयाग पूर्ण रूप से बंद रहेगा। बंद को सफल बनाने के लिए संघर्ष समिति ने बद्रीनाथ और केदारनाथ राजमार्ग पर स्थित कस्बों और बाजारों में व्यापारियों और प्रभावितों से मुलाकात की। इस दौरान स्थानीय लोगों ने भी बंद को समर्थन देने की बात कही। समिति ने रुद्रप्रयाग, खांकरा, नरकोटा, रतूडा, नगरासू, तिलवाडा, अगस्त्यमुनि, चंद्रापुरी, भीरी, गुप्तकाशी, दाता, रामपुर, सीतापुर, सोनप्रयाग समेत अन्य स्थानों पर प्रभावितों से मुलाकात की।
व्यापारियों व भवन स्वामियों ने स्पष्ट किया है कि वे चारधाम मार्ग के निर्माण व सुदृढ़ीकरण के पक्ष में हैं और उसमें हर सहयोग देने को तैयार हैं, लेकिन अतिक्रमण के नाम पर पीढ़ियों से आवासित एवं व्यापार कर रहे लोगों को बिना मुआवजा हटाने की चारधाम परियोजना अधिकारियों के जनविरोधी रवैय्ये के खिलाफ जनपद बंद कर रहे हैं। सरकार को माँगों के सकारात्मक हल के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन सरकार प्रभावितों की सुन नहीं रही। संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि प्रभावित प्रत्येक व्यापारी व भवन स्वामी को न्यूनतम 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाय और इसके साथ ही उनके नुकसान का वर्तमान बाजार मूल्य से 4 गुना अधिक मूल्य दिया जाय। इसके अलावा प्रभावित व्यापारियों को मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स बनाकर पुनर्स्थापित किया जाय। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद प्रभावितों पर सरकारी आपदा की मार पड़ी है। उन्होंने कहा कि पहले ही पहाड़ से पलायन हो रहा है और बाजार उजड़ने के बाद व्यापारियों को पुनर्वासित नहीं किया जाता तो पहाड़ से और पलायन होगा। प्रभावितों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा होने जा रहा है। इस मौक़े पर वरिष्ठ व्यापारी माधो सिंह नेगी, व्यापार संघ अध्यक्ष कांता नौटियाल, व्यापार संघ रुद्रप्रयाग महामंत्री विक्रांत खन्ना, व्यापार संघ अध्यक्ष खांकरा बुद्धिवल्लभ ममगाई, अजय भंडारी, जोत सिंह बिष्ट, कृष्णानंद डिमरी, डॉ अमित रतूड़ी, समिति के सदस्य मगनानंद भट्ट, गढ़वाल विवि के पूर्व उपाध्यक्ष अजय पुंडीर, केशव नौटियाल, तरुण पंवार, लक्ष्मण बिष्ट, शूरवीर बिष्ट, संदीप रावत, बादल रावत मौजूद थे।