देहरादून। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि एन0एच0 74 घोटाले की जाँच में दो आई0ए0एस0 अधिकारियों का निलंबन अब की सबसे बड़ी कार्यवाही है। जिसमें नियमों को ताक पर रखकर लैण्ड यूज बदला गया और मुआवजे को 5 से 6 गुना बढ़ाकर दिखाया गया।
यहाँ भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि गत चुनाव में जनता ने इस विश्वास के साथ कि हम भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करेगें, भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया और हमने वह कर दिखाया। एन0एच074 घोटाले का उल्लेख करते हुये उन्होनें कहा कि यह घोटाला जो करीब 400 करोड़ रु का है, में जाँच के दौरान अब 7 पी0सी0एस0 अधिकारियों सहित 22 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और सभी जेल में हैं। यह सभी के लिये स्पष्ट संकेत है कि देवभूमि के संसाधनों की लूट बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्हांेने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी जंग लड़ रही है और केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के नेतृत्व व उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है। भाजपा संगठन इस लड़ाई में सरकार के साथ सहभागी है। इस कार्यवाही से पूरे प्रदेश और देश में एक सकारात्मक संदेश गया है, साथ ही यह बात भी स्पष्ट तौर पर सबके सामने आई है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा व भाजपा सरकारें कोई समझौता नहीं करती चाहे उसमें कोई भी व्यक्ति दायरे में आता हो। उन्होनें कहा कि कुछ अन्य मामलों में भी सरकार ने एस0आई0टी0 गठित की है जिनकी जाँच जारी है और यह सभी जाँच निष्कर्ष तक पहुँचेगीं।
उन्होनें कहा कि इस मामले से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात यह है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर जिलाधिकारी द्वारा एक सरकारी खाता खोला गया जिसमें 24 काश्तकारों ने मुआवजे की अधिक मिली राशि को जमा कराया है। यह राशि अभी तक 2 करोड़ 31 लाख 59 हजार 705 रू. जमा हो चुकी है। इस बात से घोटाले की स्वयं ही पुष्टि हो रही है। अभी जाँच आगे चल रही है और कई बातें और सामने आने की संभावना है। श्री भट्ट ने कहा कि जाँच को लेकर कांग्रेस नेता सवाल उठा रहे हैं लकिन सच यह है कि जाँच को लेकर वे परेशान है। इस प्रकरण में कांग्रेस के एक ऐसे खाते का खुलासा हुआ है जिसके संचालन के लिये पूर्व मुख्यमंत्री के ओ0एस0डी0 को सरकारी पद से हटाकर कांग्रेस संगठन में पदाधिकारी बनाया गया जिससे उस खाते में जमा हो रही राशि का अपने तरीके से प्रयोग किया जा सके। इस बारे में एस0आई0टी0 कुछ कांग्रेस नेताओं से भी पूछताछ कर चुकी है जिससे कांग्रेस नेता बौखलाये हुये हैं। कांग्रेस नेताओं द्वारा इस मामले की जाँच सी0बी0आई0 से कराने की मांग पर बोलते हुये श्री भट्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने सी0बी0आई0 जाँच की सिफारिश की थी लेकिन डी0ओ0पी0टी0 द्वारा इसकी अनुमति नहीं दी गई इसलिये इस मामले की जाँच सी0बी0आई0 से नहीं कराई जा सकी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कुछ कांग्रेस नेता अधिकारियों के निलंबन को इन्वेस्टर्स मीट से जोड़ रहे हैं लेकिन यह तथ्य से परे है क्योंकि दोनों बाते अलग हैं और अधिकारियों का निलंबन जाँच प्रक्रिया के क्रम में हुआ है। एस0आई0टी0 पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। एस0आई0टी0 ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी जिसमें तुरन्त कार्यवाही की गई और संबधित आई0ए0एस0 अधिकारियों को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया गया। राज्य गठन के बाद यह पहला मामला है जब इतने व्यापक स्तर पर अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हुई। पत्रकार वार्ता में प्रदेश मीडिया प्रमुख डाॅ0 देवेन्द्र भसीन, प्रदेश प्रवक्ता वीरेन्द्र सिंह बिष्ट, कार्यालय सचिव पुष्कर सिंह काला, सह मीडिया प्रभारी बलजीत सोनी व शादाब शम्स, वरिष्ठ भाजपा नेता अजेन्द्र अजय व सुभाष बड़थ्वाल भी उपस्थित थे।