दिल्ली। रूस का कहना है कि उसने पहली बार चीन के साथ साझा हवाई गश्ती अभ्यास किया है। इसकी जवाब में दक्षिण कोरिया और जापान को अपने लड़ाकू विमानों को तुरंत उड़ाना पड़ा। रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक चार बमवर्षक विमानों ने लड़ाकू विमानों की मदद से जापान सागर और पूर्वी चीन सागर के ऊपर से एक पूर्व निर्धारित रास्ते पर गश्ती उड़ानें भरी हैं। वहीं दक्षिण कोरिया का कहना है कि जब रूसी विमानों ने उसके हवाई क्षेत्र में दख़ल दी तो उसके लड़ाकू विमानों ने चेतावनी देते हुए फायरिंग की। वहीं जापान ने इस घटनाक्रम के बाद दक्षिण कोरिया और रूस दोनों से विरोध जताया है।
ये घटना विवादित डोकडोध्ताकेशीमा द्वीप के ऊपर हुई है. इस द्वीप पर अभी दक्षिण कोरिया का प्रशासन है। लेकिन जापान भी इस पर दावा करता ह।.रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उसके स्ट्रेटेजिक मिसाइलों से लैस दो टीयू-95एमएस विमानों ने दो चीनी होंग-6के बमवर्षक विमानों के साथ एक पूर्व निर्धारित रूट पर तटस्थ जल क्षेत्र के ऊपर उड़ान भरी। इन बमवर्षक विमानों के साथ लड़ाकू विमान और जासूसी विमान भी थे। टीवी पर प्रसारित एक बयान में लेफ्टिनेंट जनरल सर्गेई कोबीलाश ने कहा कि एक समय ये गश्ती दल एक रेखा में एक दूसरे से लगभग दो मील दूर उड़ रहा कई विमानों का दल बन गया।