देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं में नारों के शोर के साथ प्रचार का जोर है। वहीं नैनीताल सीट पर इन नारों के बीच शराब का भी शोर सुनाई देने लगा है, जिसे लेकर दोनों दल (बीजेपी-कांग्रेस) आमने सामने आ गए हैं। सोशल मीडिया पर उठे इस सवाल पर दोनों दल घिरे नजर आ रहे हैं।
बता दें कि नैनीताल सीट पर बीजेपी के अजय भट्ट और कांग्रेस के हरीश रावत की जोरदार टक्कर चल रही है। एक-दूसरे को चुनावी पटकनी देने के लिए कार्यकर्ताओं ने शराब के मुद्दे को चुनाव में हवा दे दी है। प्रचार तंत्र इतना तेज है कि सोशल मीडिया भी आरोप-प्रत्यारोपों से पटा पड़ा है। बीजेपी कार्यकर्ता कांग्रेस के हरीश रावत को डेनिस शराब से घेर रही है, तो वहीं कांग्रेसी भी बीजेपी के अजय भट्ट को बिना शराब पिए पंडित भी मंत्र नहीं पढ़ने वाले बयान की याद दिला रहे हैं।
बहरहाल, मौका लोकसभा चुनाव का है तो नेता भी अब अपने बयानों और कामों से पलटी मार रहे हैं। गौरतलब है कि सन् 1984 में नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन हुआ, जिसके बाद लगातार शराबबंदी की मांग उठती रही। सरकार शराब बंद करना तो दूर कभी डेनिस शराब चर्चा में आई तो कभी जहरीली शराब पीकर 100 से ज्यादा लोगों की जान तक गंवानी पड़ी।
सिर्फ इतना ही नहीं चुनाव में उठे इसी शराब को बेचने के लिए सरकार ने एनएच हाईवे को जिला मार्ग तक बना डाला तो मोबाइल वैन से भी शराब को घर घर पहुंचाया गया. अब शराब का मुद्दा उठा है तो जानकर भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं।