देहरादून। माघ मास में पड़ने वाली मौनी अमावस्या सोमवार को है। इस दिन सोमवती अमावस्या का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है। श्रद्धालु मौन व्रत धारण कर पवित्र नदियों और संगम में स्नान करते हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन अन्न, वस्त्र, धन, गो और भूमि का दान करने से सतयुग के तप के बराबर पुण्य मिलता है। वहीं पितरों का तर्पण करने से उन्हें शांति मिलती है।
ज्योतिषाचार्य वंशीधर नौटियाल के अनुसार मौनी अमावस्या रविवार रात 11 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी, जो पांच फरवरी रात 2 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। उनका कहना है कि इस दिन गंगा जल अमृत में बदल जाता है। इसलिए गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें। सूर्य को लाल चंदन से अर्घ्य दें। पीपल के पेड़ की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं 108 बार तुलसी की परिक्रमा करने से यश मिलता है।
हरिद्वार में चार फरवरी को होने वाले मौनी अमावस्या स्नान के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी ने मेला ड्यूटी में तैनात रहने वाले राजपत्रित अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें स्नान पर्व के दौरान सुरक्षा और यातायात व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रणनीति बनाई गई। स्नान पर्व पर डायवर्जन लागू करने का फैसला भी लिया गया है।