देहरादून,। षष्ठी वृत्त के पारायण पर त्रिवेणी घाट गंगा तट में सुबह हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उम्र पड़ी। व्रतियों ने उदयीमान सूर्य देव को अर्ध चढ़ाया। व्रती महिलाओं को उनके पति ने जल ग्रहण कराने के साथ व्रत पूर्ण कराया। वहीं, देहरादून में टपकेश्वर की तमसा नदी में सूर्य उदय होने के बाद व्रती महिलाओं ने अर्घ्य दिया।
शनिवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को आरके चढ़ाने के साथ श्रद्धालुओं ने व्रत प्रारंभ किया था। गंगा तट पर छठ महोत्सव समिति ने पूरी रात भजन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। यहां छठ मैया की मूर्ति का विधिवत पूजन भी किया गया। छठ महोत्सव के तहत शनिवार शाम को सूर्य उपासना को राजधानी देहरादून के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान छठव्रतियों ने अस्त होते सूर्य भगवान अघ्र्य दिया और सुख-समृद्धि की मन्नत मांगी। शनिवार को दोपहर ढाई बजे के बाद से ही घाट किनारे छठव्रती पूजा सामग्री और परिवार के साथ जुटते लगे थे। जिसके बाद भगवान भास्कर की आराधना शुरू हुई। टपकेश्वर, मालदेवता, रायपुर, नत्थनपुरा, पुलिया नंबर छह, प्रेमनगर, हरबंशवाला, सिंहल मंडी, चंद्रबनी, काठ बंगला घाट पर छठव्रती महिला-पुरुष बहते पानी के अंदर हाथों में अगरबत्ती और दीया लिए सूर्य अस्त का इंतजार करते नजर आए। साढ़े पांच बजे के करीब जैसे ही सूर्य भगवान अस्त हुए। व्रती महिलाओं ने उदयीमान सूर्य को दिया अर्घ्य, उमड़ा सैलाब
देहरादून, जेएनएन। षष्ठी वृत्त के पारायण पर त्रिवेणी घाट गंगा तट में सुबह हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उम्र पड़ी। व्रतियों ने उदयीमान सूर्य देव को अर्ध चढ़ाया। व्रती महिलाओं को उनके पति ने जल ग्रहण कराने के साथ व्रत पूर्ण कराया। वहीं, देहरादून में टपकेश्वर की तमसा नदी में सूर्य उदय होने के बाद व्रती महिलाओं ने अर्घ्य दिया।
शनिवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को आरके चढ़ाने के साथ श्रद्धालुओं ने व्रत प्रारंभ किया था। गंगा तट पर छठ महोत्सव समिति ने पूरी रात भजन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। यहां छठ मैया की मूर्ति का विधिवत पूजन भी किया गया। छठ महोत्सव के तहत शनिवार शाम को सूर्य उपासना को राजधानी देहरादून के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान छठव्रतियों ने अस्त होते सूर्य भगवान अघ्र्य दिया और सुख-समृद्धि की मन्नत मांगी। शनिवार को दोपहर ढाई बजे के बाद से ही घाट किनारे छठव्रती पूजा सामग्री और परिवार के साथ जुटते लगे थे। जिसके बाद भगवान भास्कर की आराधना शुरू हुई। टपकेश्वर, मालदेवता, रायपुर, नत्थनपुरा, पुलिया नंबर छह, प्रेमनगर, हरबंशवाला, सिंहल मंडी, चंद्रबनी, काठ बंगला घाट पर छठव्रती महिला-पुरुष बहते पानी के अंदर हाथों में अगरबत्ती और दीया लिए सूर्य अस्त का इंतजार करते नजर आए। साढ़े पांच बजे के करीब जैसे ही सूर्य भगवान अस्त हुए। छठव्रतियों ने सिंघाड़ा, नारियल, फलों के साथ ही सूप, कच्ची हल्दी, मूली, गन्ना आदि पूजन सामग्री को मिट्टी से बनी सुशुभिता पर चढ़ाकर विधि-विधान से पूजा की। इस दौरान घाट पर केरवा फरेला घवद से ओहे पे सुगा मंडराय…, देवी मइया सुन लो अरजिया हमार… जैसे गीत गूंजते रहे। पूजा के बाद छठव्रती सुहागिनों ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाया। इस मौके पर टपकेश्वर घाट पर महापौर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने शिरकत की। रविवार को अल सुबह सभी छठ व्रती फिर से घाटों पर पहुंचे और उगते सूरज को अर्घ्य देकर छठ पर्व का पारण किया।