देहरादून। विजय दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सैन्य छवि से उत्तराखंड की देश में अलग पहचान की सराहना की।
उन्होंने सैनिकों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि इन्हें जितना सम्मान दिया जाए वह कम है। सीएम ने राज्य सरकार की ओर से पूर्व सैनकों के चल रही योजनाएं भी गिनाईं। 1971 में पाक से युद्ध पर विजय मिलने पर 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध के बाद पाक से अलग होकर बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। युद्ध में उत्तराखंड से 248 सपूत शहीद हुए थे। 78 वीर जवान घायल हो गए थे। समारोह में मुख्यमंत्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए जितने युद्ध लड़े गए उसमें उत्तराखंड आगे रहा। उन्होंने राज्यवासियों के देशभक्ति और पर्यावरण के प्रति सजग होने पर तारीफ की। कहा कि इन दोनों विषयों पर राज्य इतना आगे है कि सीखने की जरूरत नहीं है। समारोह में मुख्यमंत्री ने रिटायर जवानों और वीर नारियों को सम्मानित किया। इस दौरान पूर्व सैनिकों को मंच पर बुलाने के बजाए सीएम खुद उनके पास तक गए। संस्कृति विभाग ने जहां डाल डाल पर चीडिय़ा::: गीत की प्रस्तुति देकर समां बांधा। बीईजी सेंटर रुडक़ी के पाइप बैंड व सम्मान गार्द ने कार्यक्रम की शोभा बढाई। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजानदास, राज्य सैनिक कल्याण विभाग निदेशक ब्रिगेडियर केबी चंद, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल डीके कौशिक, ब्रिगेडियर पीपीएस पहावा, ब्रिगेडियर केजी बहल, ब्रिगेडियर एएन बहुगुणा, मकानी नेगी भंडारी समेत बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक और उनके परिवार के लोग शामिल रहे।