देहरादून। रविवार को धूमधाम से दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। लेकिन जरा सी लापरवाही दीपावली का मजा किरकिरा कर सकती है। दीपावली के मौके पर पटाखे जलाने के दौरान बहुत से लोगों के जल जाने की शिकायत आती है। प्रदूषण और तेज धमाकों की वजह से आंखों में जलन, दम घुटने, हार्ट अटैक और कान बंद होने जैसी दिक्कतें भी आम हैं। डॉक्टरों का मानना है कि ऐसी हालत से बचने के लिए एहतियात जरूरी है। सुरक्षित और सेहतमंद दीपावली मनाने के लिए दून के डाक्टरों की ये सलाह है।.
हमेशा लाइसेंसधारी और विश्वसनीय दुकानों से ही पटाखे खरीदें। पटाखों पर लगा लेबल देखें और उस पर दिए गए निर्देशों का पालन करें। पटाखे जलाने से पहले खुली जगह में जाएं। आसपास देख लें, कोई आग फैलाने वाली या फौरन आग पकड़ने वाली चीज तो नहीं है। जितनी दूर तक पटाखों की चिनगारी जा सकती है, उतनी दूरी तक छोटे बच्चों को न आने दें।
पटाखा जलाने के लिए स्पार्कलर, अगरबत्ती अथवा लकड़ी का इस्तेमाल करें ताकि पटाखे से आपके हाथ दूर रहें और जलने का खतरा न हो। रॉकेट जैसे पटाखे जलाते वक्त यह तय कर लें कि उसकी नोक खिड़की, दरवाजे और किसी खुली बिल्डिंग की तरफ न हो। यह दुर्घटना की वजह बन सकता है। पटाखे जलाते वक्त पैरों में जूते-चप्पल जरूर पहनें। हमेशा पटाखे जलाते वक्त अपना चेहरा दूर रखें। अकेले पटाखे जलाने के बजाय सबके साथ मिलकर एंजॉय करें ताकि आपात स्थिति में लोग आपकी मदद कर सकें। कम से कम एक बाल्टी पानी भरकर नजदीक रख लें। किसी भी बड़ी आग की शुरुआत एक चिनगारी से होती है, ऐसे में आग की आशंका वाली जगह पर पानी डालकर ही दूर जाएं। नायलॉन के कपड़े न पहनें, पटाखे जलाते समय कॉटन के कपड़े पहनना बेहतर होता है। पटाखे जलाने के लिए माचिस या लाइटर का इस्तेमाल बिल्कुल न करें, क्योंकि इसमें खुली फ्लेम होती है, जो कि खतरनाक हो सकती है। रॉकेट जैसे पटाखे तब बिल्कुल न जलाएं, जब ऊपर कोई रुकावट हो, मसलन पेड़, बिजली के तार आदि। पटाखों के साथ एक्सपेरिमेंट या खुद के पटाखे बनाने की कोशिश न करें। सड़क पर पटाखे जलाने से बचें।
एक पटाखा जलाते वक्त बाकी पटाखे आसपास न रखें। कभी भी अपने हाथ में पटाखे न जलाएं। इसे नीचे रखकर जलाएं।
कभी भी छोटे बच्चों के हाथ में कोई भी पटाखा न दें। कभी भी बंद जगह पर या गाड़ी के अंदर पटाखा जलाने की कोशिश न करें। हाल में एक स्टडी में बताया गया है कि जलने के ज्यादातर हादसे अनार जलाने के दौरान होते हैं। इसलिए अनार जलाते वक्त खास एहतियात बरतें। हो सके तो खुद और बच्चों को भी आंखों में चश्मा लगा लें।
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