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देहरादून, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के देहरादून में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 62वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। अमित शाह ने जवानों के लिए सेल्फ सस्टेनेबल एनर्जी बिल्डिंग और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित बॉर्डर ऑब्जरवेशन पोस्ट पर सब्जियों, दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ड्रोन का ई-लोकार्पण किया। गृह मंत्री ने आईटीबीपी के 147 शहीदों पर बनी फ्लिप बुक को भी लांच किया। अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि देशवासी जब दीपावली के अवसर पर अपने घर में दिया जलाते हैं, तब वे एक दिया सीमा पर तैनात हमारे वीर जवानों के लिए भी जलाते हैं। उन्होंने कहा कि देश की 130 करोड़ जनता पूरे दिल से वीर जवानों के त्याग, बलिदान, साहस और शौर्य का सम्मान करती है। गृह मंत्री ने कहा कि देश की जनता चैन की नींद सोती है क्योंकि हमारे वीर जवान अपने जीवन के स्वर्णिम वर्ष सरहद पर देश की सुरक्षा के लिए समर्पित करते हैं। श्री शाह ने कहा कि हिमवीरों का त्याग, सेवा और बलिदान अनमोल है और पूरा देश इसे नमन करता है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज प्ज्ठच् का स्थापना दिवस है और हमारे हिमवीरों ने पिछले 62 वर्षों से शौर्य, दृढ़ता और कर्मनिष्ठा के ध्येय वाक्य के साथ भारत की दुर्गम सीमाओं को सुरक्षित रखने का काम किया है। उन्होंने कहा कि माइनस 45 डिग्री तापमान में देश की अग्रिम सीमा पर चैकन्ना रहकर उसकी सुरक्षा करना और जरूरत पड़ने पर सर्वोच्च बलिदान देने से भी पीछे ना हटना,प्ज्ठच् की परंपरा रही है। श्री शाह ने कहा कि 62 साल पहले 7 वाहिनियों के साथ शुरू हुआ प्ज्ठच्, आज एक लाख हिमवीरों, 60 वाहिनियों, 17 प्रशिक्षण केन्द्रों,16 सेक्टर, 5 फ्रंटियर और 2 कमांड मुख्यालयों के साथ एक मजबूत बल के रूप में उभर कर आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिमवीरों की मांग को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने वायुयान और रेल में सेना की तर्ज पर देश के केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का भी कोटा तय कर दिया है।