देहरादून। श्राइन बोर्ड पर तीर्थ पुरोहितों ने प्रदेश सरकार के फैसले का विरोध तेज कर दिया है। मंगलवार को श्राइन बोर्ड प्रस्ताव को वापस लेने की मांग को लेकर देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत के बैनर तले चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों ने सीएम आवास कूच किया। लेकिन हाथीबडक़ला बैरिकेट पर पुलिसकर्मियों ने तीर्थ पुरोहितों को आगे बढऩे से रोक दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों और पुरोहितों के बीच खूब नोंकझोक हुई। वहीं मौके पर मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट ने पुरोहितों की मांग को सीएम तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही तीर्थ पुरोहित वापिस लौटे। मंगलवार को तीर्थ पुरोहित देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल के नेतृत्व में हाथीबडक़ला स्थित सालावाला बैरिकेट पर एकत्र हुए। यहां से श्राइन बोर्ड प्रस्ताव के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सीएम आवास की तरफ बढ़ रहे तीर्थ पुरोहितों को पुलिस ने हाथीबडकला बैरिकेट पर रोक दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों और तीर्थ पुरोहितों में काफी देर तक धक्कामुक्की हुई। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने श्राइन बोर्ड प्रस्ताव से संबधित कोई भी जानकारी तीर्थ पुरोहित हक-हकूक धारियों को उपलब्ध नही करवाई। श्राइन बोर्ड का प्रस्ताव सदियों से चली आ रही परंपराओ और मान्यताओं के खिलाफ है। सरकार अगर जल्द श्राइन बोर्ड का प्रस्ताव वापस नही लेती तो तीर्थ पुरोहित प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
साजिश के तहत चार धाम को श्राइन बोर्ड में शामिल किया।- देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि प्रदेश सरकार केवल हिंदू मठो, धर्मिक स्थलों को ही निशाना बना रही है। जबकि पिरान कलियर, हेमकुंड साहिब समेत अन्य धार्मिक स्थलों को श्राइन बोर्ड से बाहर रखा है। साजिश के तहत केवल चार धाम को श्राइन बोर्ड में शामिल किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए गए बगैर 27 नवंबर को आयोजित कैबिनेट में चार धाम को श्राइन बोर्ड में शामिल करने से चारो धामों की महापंचायत में अंसतोष है।