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Saturday, May 04, 2024

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डा.राममनोहर लोहिया की 56 वीं जयंती सपा कार्यालय मे बनाई गई

हल्द्वानी। डॉक्टर राममनोहर लोहिया की 56 वीं पुण्य तिथि पर भारी संख्या में सपा. कार्यकर्तायो ने पार्टी कार्यालय मे पहुंच कर लोहिया जी के चित्र पर सपा. उत्तराखण्ड प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीक़ी के साथ माला एवं पुष्पअर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
तद्उपरान्त एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मतीन सिद्दीक़ी ने कहा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नेतृत्व में जिन लोगों ने देश की आज़ादी के लिये संघर्ष किया ।उनमें एक मुख्य नाम डा० राममनोहर लोहिया का भी था। श्री सिद्दीक़ी ने कहा कि डॉ० राममनोहर लोहिया ने एक भविष्य द्रष्टा के रूप में सामाजिक बदलाव तथा देश -विदेश के भावी राजनैतिक स्वरूप के बारे में जो कुछ भी कहा था।वह सब कुछ सही साबित हुआ।डा० लोहिया में अन्याय और अत्याचार का विरोध करने का साहस बचपन से ही था।बचपन से ही अन्याय व अत्याचार का विरोध करने के साथ-साथ लोगो की समस्यायें जानने के वह रात-रात भर सड़को पर घूम-घूम कर देखते थे।कि ग़रीब लोग क्या खाते हैं। कैसे सड़को पर सौ कर अपना जीवनयापन करते हैं।लोहिया जी ने अपना सारा जीवन नागरिक अधिकारों की रक्षा ,अन्याय,व दमन के विरोध तथा समाज के दबे कुचले और पिछड़े लोगों की बेहतरी के लिये ही लगाया। गाँधी जी के सत्याग्रह को उन्होंने हमेशा अपनाये रखा।लोहिया जी आज़ादी से पहले व बाद में कुल। 18 बार जेल गये ।और रोंगटे खड़े कर देने वाली यातनाएँ झेली ।डॉ० राममनोहर लोहिया का ये कथन के लोग मेरी बात सुनेगें ज़रूर लेकिन मेरे मरने के बाद और यही कटु सत्य है।दलित ,पिछड़े, शोषितों के चिंतक डॉ० लोहिया को याद रखने का सबसे अच्छा तरीक़ा यही हो सकता है।हम उनके कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ उनेह अपने अमल में भी शामिल रखें। स्वo.मुलायम सिंह यादव ने भी अपना पूरा जीवन डॉ० राममनोहर लोहिया के ही आदर्शों पर गुज़ारा और इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है । कि पूरा देश मुलायम सिंह यादव के विचारों का क़ायल था।श्री सिद्दीक़ी ने कहा कि आज देश की जो वर्तमान स्थिति है। उसमें विशेष रूप से लोहिया जी के विरोध और संघर्ष के तरीक़ो को ही अपना कर देश की दशा व दिशा बदली जा सकती है।वहीं सपा.प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट सुरेश परिहार ने लोहिया के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोहिया जी ने हमेशा नर-नारी की बराबरी के साथ-साथ दलित पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के हक़ो के लिये संघर्ष करने के साथ ही अपने संघटनों में उच्च स्थान दिया।जो लोग आज महिला आरक्षण की बात कर रहे है। इस की बुनियाद लोहिया जी ने ही रखी थी।गोष्ठी में मुख्य रूप से जावेद सिद्दीक़ी,,अरशद अय्यूब,अलीम अंसारी. भगवती प्रसाद त्रिकोटी,गौरव गुप्ता, , जावेद मिकरानी,मुन्नु क़ुरैशी,उमैर मतीन,विक्की ख़ान,सतीश कुमार,शकील अंसारी,रेहान मलिक,वकील अहमद (पप्पू) वक़ार अहमद, ज़ाहिद खाँ,शाज़ेब खां,फ़िरोज़ खाँ,सलीम सैफ़ी,नाज़िम सलमानी ,सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल रहे।

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