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Saturday, April 27, 2024

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प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक इच्छाशक्ति ने लगाया आपदा के घावों पर मरहम

देहरादून। केदारनाथ में आज रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। यह वही केदारनाथ है। जहां साल 2013 में 6 साल पहले जलप्रलय सब कुछ बहा ले गई थी. लेकिन आज आपदा के जख्मों को भूलकर यात्रा पटरी पर आ चुकी है। देश के कम ही धार्मिक स्थल हैं जिनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की तरह तवज्जो दी है। जाहिर है कि बाबा केदार की चैखट पर पीएम मोदी को हिम्मत और बेहद ताकत मिलती है। शायद यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 2 सालों में 4 बार भोले के दर्शन करने केदारनाथ आ चुके हैं। पीएम मोदी 2017 में 3 मई और 20 अक्टूबर को दो बार केदारनाथ आए थे। तो 7 नवंबर 2018 को भी मोदी ने केदारनाथ के दर्शन किये। जबकि, लोकसभा चुनाव परिणामों से ठीक पहले 18 मई 2019 को पीएम मोदी ने पूरा दिन केदारनाथ में ही बिताया। यह आज की तस्वीर है जब केदारनाथ अपने भव्य रूप के लिए देश-दुनिया में जाना जा रहा है। लेकिन साल 2013 में 16-17 जून की उस तारीख के बाद केदारनाथ के हालात आज से बेहद अलग थे। तब केदारनाथ जल प्रलय में पानी पानी हो चुका था। ना तो केदारनाथ तक पहुंचने के लिए कोई सड़क बच पाई थी और ना ही। केदारनाथ के आसपास कोई भवन ही पानी के बहाव से खुद को बचा पाया थाय उस दौरान हुई भारी बारिश से प्रलय इस कदर विकराल हो गयी थी कि राज्य के 5 जिले इसकी चपेट में आ चुके थे। अकेले केदारनाथ में ही सैकड़ों करोड़ों का नुकसान होने के साथ हजारों लोगों की जान तक चली गई थी। हालांकि, इनको आज भी सरकारी रिकॉर्ड में मिसिंग के रूप में माना जाता है। बहरहाल, केदारनाथ में 2013 के बाद मौजूदा स्थिति को देखें तो केदारनाथ पिछले कुछ सालों में बेहद ज्यादा बदला हुआ दिखाई देता है। इसी का नतीजा है कि न केवल यात्रा पटरी पर आई है बल्कि 2013 से पहले आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के रिकॉर्ड को भी मौजूदा समय में तोड़ा जा चुका है। आपदा से हुए सैकड़ों करोड़ के नुकसान के बावजूद सरकारों की दूरगामी सोच और सकारात्मक रवैया ने केदारनाथ यात्रा को एक बार फिर पुनर्जीवित कर दिया है।

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