हवा-हवाई साबित हो रहे सरकार के दावे
देहरादून। बेरोजगारी हमेशा से ही राजनीतिक दलों का चुनावी मुद्दा रहा है। नेताओं द्वारा रोजगार का सपना दिखाकर वोट मांगने की कोशिश हर चुनावी समर में देखने को मिलती है।ं लेकिन युवाओं की बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ ही रही है। राजधानी देहरादून की बात करें तो 1 लाख 29 हजार बेरोजगार युवाओं ने क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराया हुआ है।ं
सूबे की राजधानी देहरादून स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो जनपद में एक लाख से ज्यादा पंजीकृत बेरोजगार हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह आंकड़ा सिर्फ उन बेरोजगार युवाओं का है जिन्होंने क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में अपना पंजीकरण कराया हुआ हैं। बात अगर बीते पांच सालों की करें तो साल 2014 में जिले में 36,614 लोगों ने पंजीकरण करवाया था। वहीं वर्ष 2015 में यह संख्या घटकर 23,074 रह गई. साल 2016 में 21,742, साल 2017 में 18,540 लोगों ने पंजीकरण करवाया। वहीं पिछले साल 2018 में यह संख्या पांच सालों में न्यूनतम स्तर 16,517 रह गई।
सेवायोजन अधिकारी अजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में जनपद के 1 लाख 29 हजार बेरोजगार युवाओं ने क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराया हुआ है। इसमें कक्षा 8वीं से लेकर बी.ए और बी.एड तक के युवा शामिल हैं।
बता दें कि कई बेरोजगार युवा ऐसे भी हैं जो सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण नहीं करवाते। वहीं जो बेरोजगार अपना पंजीकरण करा भी रहे हैं, वजह है कि सरकारी प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
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