विकासनगर चैत्रीय नवरात्र के आठवें दिन दुर्गाष्टमी पर माता के महागौरी स्वरूप की पूजा अर्चना कर घर-घर कन्याओं का पूजन किया गया। बीते आठ दिनों से उपवास रखकर मां दुर्गा के पावन चरणों में पूजा अर्चना करने वाले साधकों को कन्या पूजन के लिए कन्याओं को ढूंढने में कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। एक-एक कंजक को कई-कई जगह मां दुर्गा का रूप धारण कर प्रसाद ग्रहण करना पड़ा। प्राचीन काल से मान्यता चल रही है कि जो साधक नवरात्र का व्रत कर अष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा कर उन्हें श्रद्धापूर्वक भोजन करवाते हैं, उन पर मां भगवती अपना पूर्ण हाथ रखती है व उनकी पूजा अर्चना उपवास को सफल बनाती है। रामसावाला के पंडित एवं शिक्षक राम नारायण रतूड़ी ने कहा कि मां दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा के साथ कंजक पूजन से मां दुर्गा को प्रसन्न किया जाता है। भक्तों ने हलवा, पूरी, चने और अन्य पकवान बनाकर कंजक को भोग लगाया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। कंजक को विदा करते समय विभिन्न प्रकार के उपहार भी दिए गए। दुर्गाष्टमी पर पछुवादून के सभी मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन और आरती कर मन्नतें मांगी।