देहरादून। कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले पोनी-पोर्टर्स ने मजदूरी में की गई 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी का विरोध किया है। उत्तराखंड पोनी पोर्टर्स यूनियन का कहना है कि वो लंबे समय से मजदूरी में 30 फीसदी बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं, मगर शासन-प्रशासन ने उनकी मांगों को अनदेखा किया है। पोनी पोर्टर्स ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वो यात्रा को बाधित करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
उत्तराखंड पोनी पोर्टर्स यूनियन ने अपनी मांगें पूरी न होने पर कैलाश मानसरोवर यात्रा को रोकने का अल्टीमेटम दिया है। पोनी पोर्टर्स ने इस साल मजदूरी में की गयी 5 फीसदी बढ़ोत्तरी को ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया है। यह यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जगत सिंह मर्तोलिया ने कहा कि पिछले साल हेली के जरिये यात्रा संचालित होने की वजह से पोनी-पोर्टर्स बेरोजगार रहे। सरकार ने इसकी भरपाई का आश्वासन दिया था जिसे वो पूरा नहीं कर पायी। इसके साथ ही यूनियन ने ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर पूर्व की भांति केएमवीएन को जिम्मेदारी सौंपने की मांग की है। पोनी पोर्टर्स का कहना है कि नाभीढांग, गाला, गुंजी, बूदी में पोनी पोर्टर्स के ठहरने के लिए जो हट बने हैं उसमें ठेकेदारों ने कब्जा कर अपना सामान रखा है। उसे जल्द से जल्द खाली कराया जाए। पोनी-पोर्टर्स ने निगम द्वारा ली जाने वाली 5 प्रतिशत राशि से मजदूरों का बीमा कराए जाने की मांग की है।