देहरादून। 2019 के आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा भले ही बाहर से एकजुट नजर आ रही हो लेकिन भाजपा में अंदरूनी तौर पर सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। देहरादून में आयोजित भाजपा पदाधिकारियों की बैठक में तो कुछ ऐसे ही संकेत दिखाई मिले। भाजपा में लोकसभा चुनाव के लिए टिकट पाने के लिए दावेदारों में रस्सा कस्सी शुरू हो गयी है।
लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों को लेकर आयोजित भाजपा पदाधिकारियों की महाबैठक में टिहरी से सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह के तेवर पहली बार बदले हुए दिखे। बैठक में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भाजपा इतनी मजबूत है कि वह कभी नहीं हार सकती, हम एक दूसरे को काटते हैं। टांग खींचते हैं, इसलिए भाजपा हारती है’।
टिहरी सांसद ने ऐतराज जताया कि सबकुछ ठीक-ठाक होने के बावजूद संगठन ने टिहरी सीट को ‘बी’ कैटेगरी में रख दिया गया। इससे उनके संसदीय क्षेत्र में गलत संदेश गया है। टिहरी में चेहरा बदलने के सवाल का भी उन्होंने तल्ख जवाब दिया। माला राज्यलक्ष्मी शाह ने कहा कि चेहरा बदलने की बात का, गुटबंदी का नुकसान उन्हें नहीं पार्टी को उठाना पड़ेगा।
हालांकि अजय भट्ट ने बाद में इस आरोप पर सफाई देते हुए कहा कि टिहरी सांसद को किसी ने गलत जानकारी दी है। उत्तराखंड की सभी सीटें ‘ए’ कैटेगिरी में हैं मतलब भाजपा सभी जगह मजबूत स्थथिति में है।
दूसरी ओर पहले कई बार चुनाव न लड़ने का ऐलान करने वाले नैनीताल से सांसद भगत सिंह कोश्यारी दो बार इस सवाल को टाल गए। संदेश साफ है कि उन्होंने अभी उम्मीदों का मैदान नहीं छोड़ा है और चुनाव न लड़ने की बात दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा भर थी।
इस मामले में प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि टिकट किस को मिलेगा और किस को नहीं यह पार्टी का पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा। किसी की दावेदारी से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। यह तो तय है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जाएंगे, तस्वीर उतनी ही साफ होती जाएगी और उससे पहले गुटबंदी, लामबंदी भी तेज होगी। चुनाव के ऐन समय क्या स्थिति होगी यह अभी भविष्य के गर्भ में छिपा है।