ऋषिकेशं । हिन्दू संस्कृति में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व का विशेष महत्व है। आज के दिन ऋषिकेश में गंगा तट पर हर आश्रम और मंदिर अन्न कूट पर्व मना रहे हैं। जिसमें भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में ऋषिकेश स्थित जयराम आश्रम में धूमधाम से गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया और भगवान कृष्ण को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया गया.
हिंदू कथाओं के अनुसार गोकुल में कृष्ण के बढ़ते प्रभाव से देवताओं के राजा इंद्र कुपित हो गए थे और उन्होंने लगातार 8 दिन तक क्षेत्र में लगातार बहुत भारी बारिश की थी। गोकुल और आस-पास के गांवों को बारिश के प्रभाव से बचाने के लिए कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी तर्जनी (पहली उंगली) पर उठा लिया था।
इससे लोग भी बचे और इंद्र का घमंड भी टूटा. इसके बाद से ही दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है। ऋषिकेश के जयराम आश्रम के अध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने बताया कि ऋषिकेश के जयराम आश्रम में प्राचीन समय से ही अन्नकूट पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस दिन गौ पूजा करके, भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में गाय को लेकर जो भी वाद-विवाद चल रहे हों भारतीय परम्परा में गौ का स्थान सर्वोपरि है और गोवर्धन पूजा का दिन गौ के लिए विशेष महत्व रखता है। यह त्यौहार को मनाने के लिए बड़ी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु ऋषिकेश का रुख करते हैं। गोवर्धन पूजा का छप्पन भोग का प्रसाद सभी श्रद्धालुओं में बांटा जाता है।