देहरादून। चार धाम यात्रा के परंपरागत रास्तों की तलाश में एक दल उत्तरकाशी से निकला हुआ है। नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग (निम) की अगुवाई में चार धाम यात्रा के परंपरागत रास्तों की खोज की जा रही है। गौरतलब है कि पुराने समय में चट्टियों के जरिए यात्रा की जाती थी। चट्टियां वो स्थान होते थे जहां पर यात्री रुका करते थे। अब इन रास्तों को एक बार फिर से खोजने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस बारे में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि चार धाम का जो पुराना रूट है, उसे पुनर्जीवित करने के लिए एक रणनीति बनाई गई थी। उसमें विभाग को ऑनलाइन और ऑफलाइन सुझाव भी प्राप्त हुए। उस आधार पर उत्तरकाशी से 28 अप्रैल को एक एक्सेपडिशन लांच किया गया है। उन्होंने कहा कि वह टीम अब गंगोत्री से निकल चुकी है। जावलकर ने बताया कि निम के पदाधिकार उसका नेतृत्व कर रहे हैं. उस एक्सपेडिशन टीम में कुछ एसडीआरएफ और कुछ वन विभाग के लोग हैं। यह टीम 7 मई को यमुनोत्री पहुंचेगी। यमुनोत्री से उस टीम को फिर आगे के लिए फ्लैग ऑफ किया जाएगा. इस तरह से वह एक्सपेडिशन चलेगा। पर्यटन सचिव ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लगी हुई है, इसलिए इस एक्सपेडिशन को लेकर कोई कार्यक्रम नहीं किया गया। लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एक्सपेडिशन चल रहा है।