महान संत थे ब्रह्मलीन म.म.स्वामी डा.श्यामसुंदरदास शास्त्री -श्रीमहंत रविन्द्रपुरी | Jokhim Samachar Network

Friday, April 26, 2024

Select your Top Menu from wp menus

महान संत थे ब्रह्मलीन म.म.स्वामी डा.श्यामसुंदरदास शास्त्री -श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा है कि परोपकार और त्याग को अपना जीवन समर्पित करने वाले संत महापुरुष सनातन धर्म की रीढ़़ हैं। जो अनादि काल से विश्व का मार्गदर्शन कर सनातन धर्म को उन्नति की ओर अग्रसर करते चले आ रहे हैं। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर डा.स्वामी श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज सनातन धर्म एवं शास्त्र परंपरा के अग्रणी संस्कृत जगत के पुरोधा एक महान संत थे। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए समर्पित किया। उन्हीं के आदर्शो को अपनाकर उनके कृपा पात्र शिष्य स्वामी हरिहरानंद एवं स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज राम एवं लक्ष्मण की पवित्र जोड़ी की भांति उनके आदर्शो को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। श्री साधु गरीब दासी धर्मशाला सेवा आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी श्यामसुंदर दास महाराज की तृतीय पुण्यतिथि एवं मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महापुरुषों का अहम योगदान है और संत परंपरा पूरे विश्व में भारत को महान बनाती है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि ब्रह्मलीन डा.श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज एक युगपुरुष थे। जिनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता। संत समाज के इतिहास में उनका नाम सदैव स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। कार्यक्रम को अध्यक्षीय पद से संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मदेव महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। उनकी शिक्षाएं अनंत काल तक समाज का मार्गदर्शन करती रहती हैं। ब्रह्मलीन स्वामी डा.श्यामसुंदरदास शास्त्री महाराज ने अपने जीवन काल में संस्कृत महाविद्यालय, गौशाला, धर्मार्थ चिकित्सालय का निर्माण कर समाज को सेवा का जो संदेश दिया। वह अद्भुत एवं अकल्पनीय है। सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज कल्याण में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित करना चाहिए। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए डा.स्वामी हरिहरानंद एवं स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि अपने गुरु के मार्ग का अनुसरण करते हुए संतों की सेवा और धर्म का प्रचार प्रसार करना ही उनके जीवन का मूल उद्देश्य है। पूज्य गुरुदेव का जीवन सदैव मानव सेवा और धर्म की रक्षा के लिए समर्पित रहा। देश हित में उनका बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का ट्रस्टी संजय वर्मा एवं लोकनाथ सुवेदी ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डा.पदम प्रसाद सुवेदी ने किया। इस अवसर पर बाबा हठयोगी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद, स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री, महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री, महंत विष्णु दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत दुर्गादास, महंत सूरजदास, स्वामी दिनेश दास, महंत शिवानंद, महंत कृष्णानंद, महंत सुतीक्ष्ण मुनि, महंत गुरमीत सिंह, स्वामी चिलविलासानंद, महंत अरुण दास, महंत रघुबीर दास, स्वामी रामजी महाराज, महंत श्याम प्रकाश, स्वामी गंगादास उदासीन, स्वामी नित्यानंद, पार्षद अनिरुद्ध भाटी, विनीत जौली व पंडित अधीर कौशिक सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *