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विकासनगर छावनी परिषद चकराता में शामिल सिविल क्षेत्र को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। | Jokhim Samachar Network

Monday, November 04, 2024

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विकासनगर छावनी परिषद चकराता में शामिल सिविल क्षेत्र को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है।

विकासनगर छावनी परिषद चकराता में शामिल सिविल क्षेत्र को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। लोगों ने शनिवार को प्रशासन के माध्यम से रक्षा मंत्री को इसके लिए ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में कहा कि ब्रिटिशकालीन छावनी अधिनियम के तहत चकराता में सिविल क्षेत्र भी छावनी परिषद के अधिकार में है। वर्तमान में केंद्र सरकार के छावनी परिषदों के अंतर्गत आने वाले सिविल क्षेत्र का नगर निकाय में विलय किया जा रहा है, लेकिन चकराता में ऐसी कार्यवाही नहीं होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। बताया कि कई दशकों से छावनी अधिनियम के तहत स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जनता को अपने मकान और व्यापारिक प्रतिष्ठानों की नए निर्माण, पुनर्निर्माण, मरम्मत करने तक की अनुमति आसानी से नहीं मिल पाती है। साथ ही संपत्तियों का म्यूटेशन भी वर्षों से नहीं हो पा रहा है। इसके चलते चकराता प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थलों की तर्ज पर विकसित नहीं हो पा रहा है। छावनी क्षेत्र होने के कारण यहां पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की अधिकांश योजनाओं का लाभ भी नागरिकों को नहीं मिल पाता है। कहा कि देशभर में सिविल क्षेत्र को स्थानीय निकायों में शामिल किया जा रहा है। जनपद देहरादून के तीन कैंट को भी स्थानीय निकाय में शामिल करने की प्रक्रिया गतिमान है। लेकिन चकराता छावनी को इससे अलग रखा गया है। स्थानीय जनता ने चकराता छावनी के सिविल क्षेत्र को भी निकाय में शामिल करने की मांग उठाई है। ज्ञापन सौंपने वालों में व्यापार मंडल अध्यक्ष केशर चौहान, सचिव अमित अरोड़ा, कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष चंदन रावत, पूर्व सदस्य नैन सिंह राणा, कमल रावत, मंडल अध्यक्ष संजय जैन, प्रदीप जोशी आदि शामिल रहे।

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