उत्तराखंड के ग्रामीण परिवेश पर केंद्रित है ‘द ब्रेव चाइल्ड’ फिल्म | Jokhim Samachar Network

Sunday, May 19, 2024

Select your Top Menu from wp menus

उत्तराखंड के ग्रामीण परिवेश पर केंद्रित है ‘द ब्रेव चाइल्ड’ फिल्म

-हिंदी फिल्म होने के बावजूद गढ़वाली शब्दों का समावेश है इस फिल्म में
-फिल्म की शतप्रतिशत शूटिंग ’उत्तराखंड की वादियों में हुई

देहरादून । उत्तराखंड में फिल्माई गई बाॅलीवुड फिल्म ’‘द ब्रेव चाइल्ड’’ हिंदी फिल्म होने के बावजूूद उत्तराखंडी लोकसंस्कृति, सभ्यता व लोकभाषा पर आधारित है। यह फिल्म राज्य के ग्रामीण परिवेश पर केंद्रित है। इस फिल्म की शतप्रतिशत शूटिंग उत्तराखंड की वादियों में हुई है। ’द ब्रेव चाइल्ड’ फिल्म में यहां के रहन-सहन और पहनावे का काफी मिश्रण है। फिल्म में कई शब्द गढ़वाली में प्रयोग किए गए हैं। इसके अलावा बोल-चाल में हिंदी में भी गढ़वालीपन साफ झलकता है। इस फिल्म में बेडु पाको बारमासा गाने को काफी महत्व दिया गया है।
फिल्म को आनंद चैक, कद्दूखाल, धनोल्टी, मालदेवता, रायपुर आदि जगहों पर फिल्माया गया है। फिल्म के मुख्य कलाकारों में रघुवीर यादव, तथास्तु, कृष्णा बिष्ट, कल्पना झा और अमेरिकन एक्टर एलेक्स ओनैल शामिल हैं। इसके अलावा 22 ऐक्टर उत्तराखंड के स्थानीय हैं। फिल्म में घोड़ा भी एक मुख्य किरदार में है। ’द ब्रेव चाइल्ड’ फिल्म उत्तराखंड के ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े बहादुर बच्चे और उसके घोड़े की कहानी पर आधारित है, यह घोड़ा उस बच्चे के परिवार की आजीविका का मुख्य साधन है। इस फिल्म के माध्यम से दिखाया गया है कि उत्तराखंड में आज भी जो गांव सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं, वहां के वाशिंदों के सामने आवागमन की किस तरह की समस्याएं हैं और किस तरह से ग्रामीण इन चुनौतियां का डटकर मुकाबला करते हैं। यह फिल्म अगले कुछ समय में बड़े परदे पर प्रदर्शित होगी।
इस फिल्म के लेखक और निर्देशक अश्विनी डंगवाल है। अश्विनी डंगवाल बॉलीवुड की कई फिल्मों में मुख्य सहायक निर्देशक के रूप में काम कर चुके हैं। खुद मुंबई में रहने वाले अश्विनी डंगवाल मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के अमिल्डा गाँव से हैं और उनका परिवार बद्रीश कालोनी, देहरादून में रहता है। अश्विनी डंगवाल ने बताया कि इस फिल्म की पूरी शूटिंग उत्तराखंड में हुई है। उनका कहना है कि उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग के अद्भुत एवं रमणीक डेस्टिनेशन हैं। जब फिल्म की शूटिंग उत्तराखण्ड की वादियों में होती है, तो इससे देश व विदेश के लोग पर्यटन की दृष्टिकोण से उत्तराखण्ड के उस डेस्टिनेशन में आने के लिए आकर्षित होते हैं, जिससे लोकल स्तर पर रोजगार के साधन सृजित होते हैं और उसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलता है। उनका कहना है कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग से रोजगार के साधन बढ़ने के साथ-साथ पर्यटन सेक्टर में भी वृद्धि होगी। अश्विनी डंगवाल का कहना है कि देवभूमि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य एवं प्राकृतिक वातावारण फिल्म की शूटिंग के लिए काफी अनुकूल है। आज कल अश्विनी डंगवाल अपनी एक रोमांटिक स्क्रिप्ट लिखने में व्यस्त हैं।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *