अल्मोड़ा उत्तराखंड लोकसभा चुनाव 2024 में मतदाताओं तक पहुंचने के लिए राजनैतिक दलों ने अब सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है। इसके लिए पार्टियों के चुनाव कार्यालयों को इंटरनेट और वाईफाई से लैस किया गया है। यहां बैठकर कार्यकर्ता मतदाताओं से संपर्क साधने में जुट गए हैं। इससे पार्टियों का समय और धन दोनों की बचत हो रही है। आचार संहित लागू होने के बाद से राजनैतिक दल चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। प्रत्याशी डोर-टू-डोर जाकर लोगों को अपने पक्ष में करने में जुट गए हैं, लेकिन चार जिलों से बनी संसदीय सीट की भौगोलिक विषम परिस्थिति चुनाव प्रचार के आड़े आ रही है। कम समय में अधिक से अधिक मतदाताओं तक पहुंचा जा सके इसके लिए अब पार्टियों ने सोशल मीडिया का सहारा लेना शुरू कर दिया है। पार्टियों की ओर से चुनाव कार्यालयों को हाईटेक बनाया जा रहा है। कार्यालयों में इंटरनेट व्यवस्था के लिए वाईफाई लगाए जा रहे हैं। ताकि, कार्यकर्ता कार्यालय में ही बैठकर मतदाताओं से संवाद स्थापित कर सकें।
बाकायदा कार्यकर्ताओं की ओर से संपर्क साधे गए मतदाताओं की क्षेत्र के साथ नाम की सूची भी बनाई जा रही है, जिससे हर बार नए मतदाता से संपर्क साधा जा सके। इस योजना से एक ओर जहां कम समय में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा जा सकेगा वहीं, मतदाताओं को अपने पक्ष में कर जीत का रास्ता बनाया जा सकेगा।
कम समय में अधिक से अधिक मतदाताओं तक पहुंचा जा सके इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। चुनाव कार्यालय को इंटरनेट से लैस किया गया है। कार्यालय से ही प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने का प्रयास है। – कैलाश गुरुरानी, भाजपा चुनाव कार्यालय प्रभारी।
वर्तमान दौर सोशल मीडिया का है। संसदीय सीट की भौगोलिक परिस्थिति अलग है। कम समय में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया सबसे आसान तरीका है। इसके लिए तकनीक अपनाई जा रही है। – भूपेंद्र भोज, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अल्मोड़ा(आरएनएस)।
सोशल मीडिया से साधे जा रहे युवा मतदाता: लोकसभा चुनाव में युवा मतदाताओं का मतदान अहम साबित होने वाला है। वर्तमान दौर में लगभग सभी युवा सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं। ऐसे में पार्टियों ने इन मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है।