ऋषिकेश। श्रीदर्शन महाविद्यालय ऋषिकेश में ज्योतिष विषय पर गोष्ठी आयोजित हुई। विशेषज्ञों ने संस्कृत के छात्रों को ज्योतिष शास्त्र से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारियां दी। शुक्रवार को श्री दर्शन महाविद्यालय ऋषिकेश में कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तराखंड मुक्त विवि के ज्योतिष विभाग के सहायक आचार्य डा. प्रभाकर पुरोहित किया। उन्होंने महाविद्यालय के छात्रों को ज्योतिष, चिकित्सा ज्योतिष, वास्तु एवं कर्मकाण्ड के महत्व एवं उसके अध्ययन के लाभ बताए। उन्होंने कहा कि इन विषयों के अध्ययन के बिना हम अपूर्ण हैं। विशेष रूप से ज्योतिष वेद का नेत्र है एवं जन्म कुंडली को ठीक से परीक्षण करने मात्र से हम किसी भी व्यक्ति से साध्य-असाध्य रोगों के बारे में उन्हें मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं। कहा कि विवि के सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर तक विस्तारित की गयी है। इस तिथि तक सभी लोग विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। मौके पर आचार्य कमल डिमरी, आचार्य सुशील नौटियाल, आचार्य आशीष जुयाल, आचार्य शांति प्रसाद मैठानी, आचार्य सत्तेश्वर प्रसाद डिमरी, सीमा मैठानी, मुकेश बहुगुणा, राम प्रसाद सेमवाल, अनूप सिंह रावत, पूर्णानंद सिलस्वाल, हरीश सिलस्वाल, गोपी सिलस्वाल, प्यारेलाल तिवारी, कुशलानंद पुरोहित आदि मौजूद रहे।