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देहरादून 40 पार उम्र के लोगों को आंखों की बीमारी ग्लूकोमा का खतरा ज्यादा बन रहा है। ग्लूकोमा से बचाव के लिए 40 की उम्र के बाद आंखों की जांच जरूर करानी चाहिए। विशेषज्ञों ने इसके लिए अपील की है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में ग्लूकोमा वीक के तहत बुधवार को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। ग्लूकोमा की पहचान को रोजाना 200 मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 16 संदिग्ध मरीज मिले हैं, जिनकी जांचें कराई जा रही है। नेत्र रोग विशेषज्ञ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा ने कहा कि पचास फीसदी लोग इस बीमारी से अनजान रहते हैं। सिर दर्द, धुंधलापन और रोशनी के चारों तरफ अलग-अलग रंगों का दिखाई देता है तो सतर्क हो जाए। जब देखने का दायरा धीरे-धीरे कम होने लगता है तो यह समझ लेना चाहिए कि इस मर्ज की चपेट में आ चुके हैं। यह बीमारी 40 साल के बाद से ज्यादा होता है। इसीलिए नियमित जांच जरूरी है। 40 के बाद समय समय पर आंखों की नियमित जांच कराते रहे। डॉ. ओझा ने कहा कि विश्व ग्लूकोमा (काला मोतिया) सप्ताह के तहत दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में पिछले दो दिन में 400 रोगियों की जांच की गई। जिसमें 30 मरीजों की आंखों में काला मोतिया के लक्षण मिले हैं। आंखों की सुरक्षा के लिए लोग को सावधानी बरतनी चाहिए। कहा कि काला मोतिया अब बुजुर्ग ही नहीं, बच्चों में भी देखने को मिल रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने की। इस दौरान एमएस डा. अनुराग अग्रवाल, एचओडी डॉ. यूसुफ रिजवी, डॉ. नीरज सारस्वत, डॉ. दुष्यंत उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।