मजदूरों के 400 करोड़ रूपए का हक मारे बैठे अधिकारी | Jokhim Samachar Network

Saturday, April 27, 2024

Select your Top Menu from wp menus

मजदूरों के 400 करोड़ रूपए का हक मारे बैठे अधिकारी

देहरादून। उत्तराखंड में 70 से ज्यादा मजदूर उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से अपने हक हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उसके अभाव में तिल-तिल कर जीने को मजबूर हैं। दरअसल इस बोर्ड का काम है मजदूरों को समाजिक सुरक्षा मुहैया कराना ह,ै लेकिन 400 करोड़ रुपये के फंड वाले इस बोर्ड ने पिछले दो साल से मजदूरों का हक दबा कर रखा है।
देहरादून की एक कच्ची बस्ती में रहने वाली 50 साल की बाला दो साल पहले अपने पति की मौत के बाद से गुजारे के लिए संघर्ष कर रही हैं। उनके 5 बच्चो में से दो बेटे हैं जिनमें से एक टीबी का मरीज हो गया है और दूसरा एक्सीडेंट में अपाहिज. बड़ी बेटी विधवा हो गई और शहर में गुजर-बसर मुशकिल. इसलिए बाला ने बच्चों को गांव भेज दिया और खुद घरों में काम कर अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ करने लगीं।
बाला के पति भवन निर्माण में काम करने वाले मजदूर थे। भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में उनका रजिस्ट्रेशन भी था। उनकी मौत के बाद उनके परिवार को 2 लाख का मुआवजा मिलना चाहिए था लेकिन दो साल बाद भी उनकी पत्नी मुआवजे के लिए कर्मकार कल्याण बोर्ड के चक्कर काट रही हैं। बाला कहती हैं कि अगर उन्हें यह मुआवजा मिल जाता है ता वह अपनी बेटी की शादी करवा पाएंगीं।
भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड को सरकारी और गैर सरकारी निर्माण कामों पर लगने वाले एक प्रतिशत सेस का पैसा मिलता है जिससे इसे मजदूरों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करनी होती है। जो मजदूर बोर्ड में रजिस्टर होते हैं उन्हें पेंशन, मेडिकल सुविधाएं, टूल किट, बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, मृतक आश्रितों को मुआवजा जैसी सुविधाएं मिलती हैं. से जमा हुआ है।
बोर्ड के पास फिलहाल 400 करोड़ रुपये का फण्ड मौजूद है लेकिन लेकिन अभी 70 से ज्यादा मजदूर ऐसे है जो आज भी अपने हक का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से एक हैं देहरादून में ही काम करने वाले अशोक कुमार. अशोक अपने बच्चों को अच्छी तालीम देना चाहते हैं और उसके लिए बीते दो साल से स्कॉलरशिप का इंतजार कर रहे हैं।
चेतना मंच से जुड़े त्रैप्पन सिंह चैहान बताते हैं कि इसको लेकर उन्होंने राष्ट्रपति तक से शिकायत की और राज्य सरकार से इस पर जवाब देने को भी कहा गया लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
लेकिन ऐसा लगता है कि श्रम विभाग के अंर्तगत आने वाले इस बोर्ड के अधिकारी हकीकत नहीं बाइस्कोप पर कोई रोमांटिक फिल्म देख रहे हैं। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के संयोजक विजय चैहान कहते हैं कि बोर्ड बहुत अच्छा काम कर रहा है और सभी मजदूरों को उनका हक मिल रहा है।

About The Author

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *